जानिए, नीलकंठ के दर्शन कब शुभ, कब अशुभ फलदायी

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नीलकंठ अति आकर्षक पक्षी है। इसको देखने से ही आनंद की प्राप्ति होती है। इसका अलौकिक स्वरूप प्रतीत होता है। जीवन के हर मोड़ पर नीलकंठ के दर्शन को शुभाशुभ माना गया है।

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प्रात:काल सबसे पहले दर्शन यदि हो जाए तो भगवान नीलकंठ की कृपा से पूरा दिन शुभाशुभ रहता है। यात्रा के समय इसके दर्शन किए जाए तो यात्रा के शुभ होने के संकेत हैं। विश्ोष तौर पर महाशिवरात्रि के अवसर पर नीलकंठ के दर्शन को शुभ माना जाता है।
– यात्रा करते समय किसी व्यक्ति के दाहिनी ओर नीलकंठ और कौवा दोनों उड़ रहे हो और नीलकंठ से कौवा आगे निकल जाए तो उस यात्री को धन की हानि और पराजय देखनी पड़ती है। इसके उलट यदि नीलकंठ कौवे से आगे निकल जाए तो यात्रा सफल होती है। यात्री को धन लाभ भी होता है।
– यात्रा करते समय किसी व्यक्ति के सामने आकर नीलकंठ बोलता है तो उस यात्री को अनेक विघ्नों का सामना करना पड़ता है। यदि वह शांत स्वर में आवाज करे तो उत्तम फल प्राप्त होते हैं।
– नीलकंठ एक ऐसा पक्षी है, जिसके बारे में सभी जानते हैं और इसके द्बारा किए शकुन को सटीक समझा जाता है, जैसे कोई व्यक्ति यात्रा कर रहा हो और उसे दाहिने ओर नीलकंठ दिख्ो या उसका शब्द सुनाई दे तो उसकी यात्रा सदैव ही उत्तम फल देने वाली होती है।

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