तीतर शहरी क्ष्ोत्रों में कम ही दिखाई देता है, तीतर पक्षी ग्रामीण या जंगली क्ष्ोत्रों में बहुलता से देखा जाता हैं। शकुन की दृष्टि से इसे देख्ो जाने के फल हम आपको बताने जा रहे हैं, जो कि तीतर के दिखने सम्बन्धित शुभता- अशुभता से आपको अवगत करायेंगे।
– तीतर प्रवास पर जा रहे व्यक्ति के या प्रस्थान करते समय पूर्व में दाहिनी ओर बोल कर पुन: बाईं ओर बोलता है तो उस व्यक्ति को उत्तम फल की प्राप्ति होती है। यात्रा से लौटते समय इससे विपरीत यानी पहले बाईं ओर बोलकर बाद में दाायी ओर बोलता है तो अर्थ लाभ होता है।
– प्रवास कर व्यक्ति के बाई ओर तीतर बोले तो उसे कार्य में विफलता मिलती है और धन की हानि होती है।
-किसी प्रवासी के बाई और दाहिनी ओर दोनों तरफ तीतर बोलता है तो यह उत्तम शकुन माना गया है।
– तीतर का विषम संख्या में आवाज करना शुभ रहता है, अगर आकाश की ओर मुंह करके आवाज करता हुआ दोबारा दिखाई दे तो धन हानि होती है।
– किसी व्यक्ति को प्रवास करते समय तीतर उच्च स्वर में आवाज करता दिखाई दे तो उसे अपने कार्य में सफलता मिलती है।
– तीतर पीछे की तरफ बोलकर दाहिनी ओर आकर बोलता है तो अभीष्ट सिद्धि कराता है। पीछे से बोलकर बाई ओर आता है तो कार्य में सफलता नहीं मिलती है।