इस्लामाबाद । दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी के-2 पर कूडे का ढेर लगा हुआ है। इस साल के2 चोटी में रिकॉर्ड संख्या में पर्वतारोही पहुंचे। यह चोटी के शिखर तक पहुचने के लिए यह पर्वतारोहियों के लिए एक लोकप्रिय स्थल है। यह चोटी सबसे कठिन चोटियों में से एक है।
पर्वतारोही वाजिद नगर ने कहा कि जैसे ही हम के-2 पर शिविर में पहुंचे हमारे सामने कचरे का ढेर लगा हुआ था जिसमें रस्सियां , टिक पैक , टेंट , चढ़ने वाले गियर , मानव अपशिष्ट और रैपर, प्लास्टिक आदि शामिल थे। इनमें से ज्यादातर कचरा शिविर एक, दो और तीन पर पाया गया।
वाजिद ने डॉन के बताया कि जब हम वहां पहुंचते हैं, तो यह गंध सबसे पहले प्रभावित करती है। जून में के2 के लिए गिलगित-बाल्टिस्तान पहुंची एक अमेरिकी पर्वतारोही सारा स्ट्रैटन ने भी चोटी पर कचरे को लेकर चिंता व्यक्त की थी।
सारा ने डॉन को बताया कि एक और दो शिविर कचरे से भरे हुए थे। इन पर पुराने टेंट, गियर, खाद्य पैकेजिंग, ईंधन के डिब्बे, मानव अपशिष्ट, पुरानी रस्सियां आदि पड़ी थी। उसने बताया कि कचरा पर्वतारोहियों के लिए कई समस्याएं पैदा करता है खासकर जब स्वच्छता की बात आती है। हम सभी शिविरों में पानी के लिए बर्फ पिघलाते हैं और अगर बर्फ गंदी है तो यह हमें बीमार कर सकती है।
सेंट्रल काराकोरम नेशनल पार्क के निदेशक यासिर हुसैन ने डॉन को बताया कि आठ पर्वतारोहियों की एक टीम को के-2 आधार शिविर से शिविर चार तक कचरा इकट्ठा करने के लिए भेजा गया था जो 7,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।