खंजन पक्षी यदा-कदा ही दिखने वाला पक्षी है, शकुन की दृष्टि से खंजन का अपना महत्व है। खंजन पक्षी के बारे में तमाम भ्रांतियां है, यह देखने में विचित्र है।
खंजन की आख्ों विचित्र होती है। इसकी आंख्ों बहुत चंचल होती हैं। वर्षा ऋतु में यह पक्षी आम तौर पर दिखाई नहीं देता है।
– खंजन पक्षी किसी नदी, तालाब के किनारे कम के फूल पर, गाय की पीठ पर या उपले पर, दूध वाले पेड़ पर, किसी भवन के मुख्य द्बार पर आकर बैठता है तो उसके आने वाले समय में सुख शांति होती है।
– वर्षाकाल में यह पक्षी दिखाई नहीं देता है। अगर कोई व्यक्ति घुड़साल, किसी बगीचे, महल, लीपी हुई भूमि और दही के बर्तन, छायादार पेड़-फूल पत्ते, फल फल वाले वृक्ष पर खंजन के दर्शन हो तो यह आने वाले समय में धन लाभ का सूचक है।
-लता कांटेदार वृक्ष, सूखा वृक्ष, पत्थर की चट्टान, अधजली हड्डी, मदिरा के घड़े, सूने घर में, यज्ञ स्तम्भ पर खंजन पक्षी बैठा दिखाई देता है और कुत्सित चेष्टा कर रहा हो तो उस व्यक्ति का अपमान होता है। रोगादि भी उसे घ्ोर लेते है। यानी इन परिस्थितियों में खंजन का दिखना किसी भी दृष्टि से शुभ नहीं होता है।