संकट और विपत्तियों को टालने का यह अत्यन्त प्रभावी उपाय है। इसके प्रभाव से मनुष्य के सभी संकट और विपत्तियों का नाश हो जाता है। हालांकि इसे सिद्ध करना उतना सहज नहीं है। इसके लिए साधक को मनोयोग से लगना होगा, तभी यह सिद्ध होगा।
मंत्र है-
सुंदरकांड का पाठ
मंत्र प्रयोग विधि- इस पाठ को किष्किन्धा कांड के 29/2 श्लोक अर्थात कहइ रीछपति सुनु हनुमाना…..से प्रारम्भ कर आगामी सभी श्लोकों को पाठ करते हुए सुंदरकांड का पाठ करें। यह पाठ 1०8 बार करने मात्र से ही सिद्ध होकर कार्य करने लग जाता है। गाय के उपलों की राख को कपड़े में छानकर इस पाठ से अभिमंत्रित कर प्रयोग करना चाहिए। इस पाठ के प्रयोग से श्री राम भक्त हनुमान जी प्रसन्न होते हैं, जिसकी वजह से सभी आपदाओं का नाश हो जाता है।
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