21 बार पाठ से सिद्धि दायक होता है राम चरित मानस पाठ

0
1125

तुलसी दास कृत राम कथा- राम चरित मानस का महात्म अनंत है। इसके पाठ से मनुष्य को लौकिक व अलौकिक सुख व आनंद की प्राप्ति होती है।

भगवान श्री राम की पावन कथा को राम चरित मानस में कहा गया है, जो कि जीव का कल्याण करने वाली है। भगवान विष्णु के अवतार श्री राम की महिमा का गान इस राम चरित मानस में किया गया है। यदि सच्चे हृदय से राम चरित मानस का पाठ किया जाए तो मनुष्य को बुद्धि बल के साथ लौकिक व परालौकिक सुख व आनंद की प्राप्ति होती है। उसके पथ के कंटक हट जाते है।

Advertisment

राम चरित मानस को 21 बार पढ़ने मात्र से ही यह पाठ सिद्ध हो जाता है। इस पाठ के प्रभाव से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। विघ्नों का नाश हो जाता है। भगवान शिव के प्रिय श्री राम के नमन मात्र से कलयुग में जीव को सद्गति प्राप्त होती है। राम चरित मानस में यहां तक कहा गया है कि भगवान श्री राम के प्रति प्रीति रखने वाले का कल्याण ही होता है।

यह भी स्पष्ट किया गया है कि भगवान राम के प्रति प्रीति और भगवान शिव की निंदा करने वाले का कल्याण नहीं होता है। उसी तरह से भगवान श्री राम की निंदा करने वाले और शिव की भक्ति करने वाले का भी कल्याण नहीं होता है। यानी भगवान विष्णु और शिव में भ्ोंद दृष्टि रखने वाले का कभी कल्याण नहीं हो सकता है।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here