श्री राम कृपालु हैं, उनकी शरण में गया हुआ जीव मुक्त हो जाता है, बशर्ते पूर्ण श्रद्धाभाव व समर्पण के साथ प्रभु श्री राम के चरणों का ध्यान किया जाए। श्री राम को भाव सहित नमन कर निम्न मंत्र का जप करना चाहिए।
मंत्र है-
देव दनुज नर नाग खग, प्रेत पितर गंधर्व।
बंदउँ किन्नर रजनिचर, कृपा करहु अब सर्व।।
प्रत्येक कार्य के प्रारम्भ में इस मंत्र के 11 पाठ कार्य को सफल बनाते हैं। इस मंत्र के प्रयोग से देवता, दैत्य, मनुष्य नाग, पक्षी, प्रेत, पितर, गंधर्व, किन्नर और निशाचर की वंदना करके उन्हें अनुकूल बनाते हैं। जिस कारण किसी भी कार्य में विघ्न न आये। प्रभु श्री राम के चरणों में पूर्ण आस्था व विश्वास रखकर इस मंत्र का जप करना चाहिए। इससे मनोकूल फल प्राप्त होता है। श्री राम का पूजन-अर्चन करें और फिर मंत्र का जप करें। इससे पूर्व गणपति को नमन करें।
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