श्री राम के चरणों में पूर्ण आस्था का भाव रखकर गणपति के निम्न उल्लेखित मंत्र का जप करने से गणेश जी की कृपा शीघ्र ही प्राप्त हो जाती है। गणेश का ध्यान कर इस मंत्र का जप करना चाहिए। मन में किसी भी प्रकार के संशय को स्थान न दें और पूर्ण श्रद्धाभाव से गणेश जी का ध्यान करें। प्रभु की कृपा से सफलता प्राप्त होगी। राम चरित मानस का यह मंत्र अत्यन्त प्रभावशाली है। गणेश जी की कृपा प्राप्त करनी हो और कार्यों के विघ्नों को दूर करना हो तो निम्न उल्लेखित विधि से जप करना चाहिए। हमने लेख में किस माला का प्रयोग सिद्धि के लिए करना है, इसका विवरण भी है। नियत समय पर साधना करनी चाहिए। साधना काल के दौरान समयावधि का ध्यान रखा जाना आवश्यक है।
मंत्र है-
जेहि सुमिरत सिधि होइ, गननायक करिबन बदन।
करहु अनुग्रह सोइ, बुद्धिरासि सुभ गुन सदन।।
मंत्र सिद्ध करने की विधि-
सर्वप्रथम गणेश जी को सिंदूर का चोला चढ़ायें और फिर रक्त चंदन की माला पर प्रात:काल के समय 1०8० बार इस मंत्र का पाठ करें अर्थात कहने का आशय यह है कि दस माला मंत्र जाप करें। यह प्रयोग चालीस दिन तक करते रहें। ऐसा करने से प्रयोगकर्ता के सभी विघ्नों का अंत हो गणेश की कृपा प्राप्त होती है।
यह भी पढ़ें- सिद्धिदाता हैं गजानन, श्रद्धा से नमन करो तो पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं