नवग्रह को ध्यान करने मंत्र हम आपको बताने जा रहे है, जिनका आप लाभ उठा सकते हैं। यहां सभी नव ग्रहों के ध्यान मंत्र हम आपको बता रहे हैं। जिनके ध्यान से नव ग्रह शांत होते हैं। मनुष्य पर उनकी कृपा बरसती है। आइये, जानिए नवग्रह मंत्र। वैसे हमारी वेबसाइट में इससे सम्बन्धित अन्य महत्वपूर्ण लेख भी आपको मिल जाएंगे, जिनमें से कुछ के लिंक आपको इस लेख के साथ ही प्रस्तुत कर रहे हैं, श्ोष का आप वेबसाइट में अवलोकन कर सकते हैं।नवग्रह के इन ध्यान मंत्र का वर्णन मत्स्य पुराण में किया गया है।
जानिए, नवग्रह ध्यान का मंत्र
सूर्य देव
पद्मासन: पद्मकर: पद्मगर्भ: समद्युति:। सप्ताश्व: सप्तरज्जुश्च द्बिभुज: स्यात् सदारवि:।।
चंद्रमा देव
श्वेत: श्वेताम्बरधर: श्वेताश्व: श्वेतवाहन:। गदापाणिर्दि्बबाहुश्च कर्तव्यो वरद: शशी।।
मंगल देव
रक्तमाल्याम्बरधर: शक्तिशूलगदाधर:। चतुर्भुज रक्तरोमा वरद: स्याद् धरासुत:।।
बुध देव
पीतमाल्यांबरधर: कर्णिकारसमद्युति:। खड्गचर्मगदापाणि: सिंहस्थो वरदो बुध:।।
गुरु यानी बृहस्पति देव
देवनां गुरु: पूज्य: पीतवर्ण: चतुर्भुज:। दण्डी च वरद: कार्य: साक्षसूत्रकमण्डलु:।।
शुक्र देव
दैत्यानां गुरु : श्रेष्ठ श्वेतवर्ण: चतुर्भुज:। दण्डी च वरद: कार्य: साक्षसूत्रकमण्डलु:।।
शनि देव
इन्द्रनीलद्युति: शूली वरदो गृध्रवाहन:। बाणबाणासनधर: कर्तव्योअर्कसुतस्तथा।।
राहु देव
करालवदन: खड्गचर्मशूली वरप्रद:। नीलसिंहासनस्थश्च राहुरत्र प्रशस्यते।।
केतु
धूम्रा द्बिबाहव: सर्वे गदिनो विकृतानना:। गृध्रासनगता नित्यं केतव: स्युर्वरप्रदा:।।
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