माघ सूर्य सप्तमी को सूर्योदय के काल में भगवान सूर्य को गंगाजल से अध्र्य देना चाहिए। इसके बाद रोली मौली, चंदन फल-फूल, चावल, धूप, दीप, जनेऊ और दक्षिणा देनी चाहिए। परिक्रमा भी करनी चाहिए। अध्र्य देते समय मंत्रों का उच्चारण करते रहना चाहिए। सूर्य सप्तमी से सौभाग्य और यश की प्राप्ति होती है।
सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें।
सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।