मकर राशि या लग्न में जन्में जातक वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए सफेद कपड़े में 125 ग्राम चावल, एक मोती या मून स्टोन, एक सीपी, पांच गोमती चक्र और छोटा शंख और चांदी का टुकड़ा लपेटकर इसको धूप-दीप करें। इसके बाद किसी नदी या तालाब के पास गड्ढा खोदकर ऊॅँ सोमाय नम: मंत्र का जप करके दबा दें। पूरी प्रक्रिया को पूर्ण श्रद्धा व विश्वास को धारण कर करनी चाहिए। इससे साधक को पूर्ण फल की प्राप्ति होती है। इस प्रक्रिया को अपनाने से पूर्व प्रथम पूज्य गणेश जी का जरूर स्मरण कर लें, सफलता निश्चित मिलेगी।
मकर राशि या लग्न के जातक नीतिज्ञ, मितव्ययी, विवेकवान, व्यावहारिक बुद्धि व विचारशील वाले होते हैं। इनमें एक अलग तरह की संगठन क्षमता होती है। असाधारण सहनशीलता, धैर्य और स्थिर प्रवृत्ति इन्हें बड़ा संगठन खड़ा करने में मदद करती है। मकर राशि या लग्न के जातक लम्बे और पतले होते हैं। इनको देखकर एक बारगी देखने पर यकीन नहीं होता कि ये लोग बड़े समूह या संगठन का सफल संचालन कर रहे हैं। यह इनका विशेष गुण होता है।
बचपन में इन्हें देखें तो लगता है, पता नहीं कब बड़े होंगे और कब अपने पैरों पर खड़े होंगे, लेकिन किशोरावस्था में अचानक तेजी से बढ़ते हैं। यह त्याग और बलिदान की राशि है। इन लोगों पर उम्र का प्रभाव कम पड़ता है। इन लोगों को उपहास से हमेशा भय लगा रहता है। इस कारण समूह में बोल नहीं पाते। ऐसे में लोग इन्हें अंतर्मुखी समझते हैं।