पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने राम मंदिर में किया रामलला का दिव्य दर्शन

0
1499
पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने राम मंदिर में किया रामलला का दिव्य दर्शन

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। 2014 के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा की राजनैतिक सत्ता का वनवास समाप्त कराने में जिनका नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है ऐसे यशस्वी पूर्व राज्यपाल रामनाईक उत्तर प्रदेश की तीन दिवसीय यात्रा पर आये हैं। ‘पद्म भूषण’ सम्मान के लिए मनोनित होने पर रविवार राज्यपाल महोदया माननीय श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने नाईक को राजभवन में सम्मानित किया। उसके बाद सोमवार सुबह नाईक ने अयोध्या जाकर श्री रामलल्ला के दर्शन किए। पिछले वर्ष जब नाईक उत्तर प्रदेश आए थे तभी उन्होंने कहा था कि अब श्रीराम मंदिर बनने के बाद ही उत्तर प्रदेश आऊँगा और रामलल्ला के दर्शन करूंगा। सोमवार रामलल्ला के दर्शन के बाद नाईक भाव विभोर हो गए। उन्होंने कहा यह एक ऐसी अनुभूति है जो शब्दों में बयां नहीं की जा सकती।

 

Advertisment
रामलला का दिव्य दर्शन

उत्तर प्रदेश में उनसे जुड़ी अनेक सुखद स्मृतियां हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश वासियों को उत्तर प्रदेश दिवस मनाने की प्रेरणा देकर उन्होंने राज्योत्सव का मार्ग दिखाया है। स्वतंत्रता आंदोलन में महामंत्र बने नारे “स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है” का जन्म लखनऊ में हुआ था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के अधिकृत आधुनिक भवन का नामकरण “लोकभवन” श्रीनाईक ने ही किया है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों का अनियमित सत्र को नियमित करने का श्रेय रामनाईक को है। उत्तर प्रदेश की प्रायः चर्चा में वह कहते हैं कि मैं मुंबई में रहने के बाद भी लखनऊ पर दृष्टि रखता हूँ। अपने कार्यकाल में किये गये उनके व्यवहार के कारण उत्तर प्रदेश की जनता उनसे बहुत गहराई से जुड़ी है। कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट के बाद वह मुंबई प्रस्थान करेंगे। यह संयोग ही था कि यूपी के दिल मे रहने वाले रामनाईक जब अयोध्या में श्रीराजन्मभूमि मंदिर में दर्शन करने गये थे उसी समय नाईक के पुराने सहयोगी मित्र व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी भी श्रीराम मंदिर आए थे। दोनों को इस पावन परिसर में अचानक भेट होने से अपूर्व आनंद मिला।

बाबा बर्फानी अमरनाथ की अदभुत महिमा और यात्रा संस्मरण

 

 

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here