सपने में बछिया, नरक, पहाड़ियां, मुर्गी, फावड़ा

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सपने में बछिया, नरक, पहाड़ियां, मुर्गी, फावड़ा

बछिया – बछिया स्वप्न में देखे तो द्रष्टा को ऐसा काम मिलेगा, जिसमें आरम्भ में तो कम लाभ होगा। किन्तु कुछ समय बाद खूब फायदा होगा। यदि कोई बछिया भेंट में दे तो उसकी उच्च लाभप्रद काम के प्राप्त करने में मित्र से सहायता मिलेगी।

यदि कोई देखे कि उसके घर से बछिया चोरी हो गई है तो समझो वह उस काम से हट जायेगा जिसने उसे बड़ा लाभ पहुंचाया हुआ है। लंगड़ी बछिया दीखे तो द्रष्टा को मित्र सहायता पर निर्भर रहना पड़ेगा।

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नरक – नरक का स्वप्न आने वाले कष्टों की चेतावनी है। यदि कोई नरक में अपने मित्रों से मिले तो वह अपना समय मित्रों के साथ सुखद रूप में बितायेगा। यदि कोई नरक से निकाले जाने का स्वप्न देखे तो वह ऐसी दुर्घटना से बच निकलेगा जिसमें उसकी जान भी जा सकती थी। यादे कोई नरक में प्रवेश होने का सपना देखता है तो उसकी मृत्यु अटल है।

मुर्गी – मुर्गों का दोखना अच्छी सफलता का द्योतक है। अण्डे सेते हुई मुर्गों दीखे तो द्रष्टा को अधिक सन्तान की प्राप्ति होगी। बहुत सी मुर्गियों का दीखना अनेक स्रोतों से आय होने का सूचक है।

यदि कोई स्त्री चूजा ( मुर्गी का बच्चा ) खरीदने का स्वप्न देखे तो उसके सन्तान होन होने के कारण उसका पति किसी लड़के को गोद लेगा। पकाने के लिए मुर्गी काटने का स्वप्न बताता है कि द्रष्टा अपनी फिजूलखर्ची के द्वारा पूर्वजों की सम्पत्ति बरबाद कर देगा।

यदि कोई द्रष्टा के घर से मुर्गी ले जाता है तो चोरी द्वारा उसका धन ले जाया जायेगा।

पहाड़ियां– पहाड़ियों पर चढ़ने का स्वप्न उन्नति का द्योतक है। यदि मित्रों के साथ पहाड़ी पर चढ़ने का स्वप्न दोखे तो कठिनाई के समय मित्रगण उसकी बड़ी सहायता करेंगे।

फावड़ा ( कुदाली ) – फावड़ा चलाने का स्वप्न कड़े परिश्रम के बाद आराम प्राप्ति का सूचक है। यदि स्त्री ऐसा सपना देखे तो उसका पति बीमार पड़कर बड़ी कठिनाई में पड़ेगा।

यदि पुरूष फावड़ा देखे तो उसकी बाधाएं दूर हो जायेगी। फावड़ा चलाने के काम पर लगने का स्वप्न बताता है कि वह अपने परिश्रम पर जियेगा।

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