मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ प्रभावितों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विगत 06 और 07 जुलाई को नेपाल व उत्तराखण्ड में अचानक हुई भारी बरसात के कारण जल प्लावन की स्थिति पैदा हुई। इस क्षेत्र में राप्ती तथा सरयू नदी में अगस्त या सितम्बर माह में बाढ़ देखने को मिलती थी। पहली बार जुलाई के प्रथम सप्ताह में बाढ़ देखने को मिली। इससे न केवल तैयारियां प्रभावित हुइंर्, बल्कि तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के सामने भी अनेक संकट खड़े हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राप्ती नदी में अचानक पानी आने से 11 लोग एक टापू पर फंस गए थे। इन लोगों ने विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य न खोकर मोबाइल से आपातकालीन नम्बर पर कॉल की। पी0ए0सी0 के बहादुर जवानों ने उन सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला, इनमें 05 बच्चे तथा 06 महिलाएं सम्मिलित हैं। आज यहां प्रदेश सरकार द्वारा सूचना देने वाली महिला तथा पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट के पथ प्रदर्शन का कार्य करने वाले पुरुष को सम्मानित किया गया है। अंधेरे के बावजूद स्वयं की परवाह किए बिना 11 लोगों की जान बचाने वाले जवानों को भी प्रमाण पत्र प्रदान किये गये हैं।
इस अभियान से जुड़े सभी जवानों को विशेष पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे। सूचना देने वाली महिला तथा पुरुष के लिए भी नकद पुरस्कार की घोषणा की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार द्वारा आपदा के कारण कहीं कोई जनहानि होने पर पीड़ित परिवार को तत्काल 04 लाख रुपये की राहत राशि प्रदान करने की व्यवस्था बनाई गई थी। मानव वन्य जीव संघर्ष तथा सर्पदंश से जनहानि होने पर भी पीड़ित परिवार को 04 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। अचानक आयी बाढ़ के कारण अपने परिवारजनों को खोने वाले 04 पीड़ित परिवारों को भी आज यहां 04-04 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है। इन पीड़ित परिवारों के प्रति केंद्र व राज्य सरकार की पूरी संवेदनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि आकाशीय बिजली से किसी किसान, बटाईदार अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष अथवा कृषक दुर्घटना बीमा योजना से सहायता राशि उपलब्ध कराकर उन्हें सम्बल प्रदान किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक उपाय किए गए हैं। जहां पर नदी की क्षमता केवल 30 हजार क्यूसेक लीटर जल वहन करने की हो, लेकिन यदि उसमें अचानक 03 लाख क्यूसेक लीटर जल प्रवाह हो जाए तो सभी तैयारियां धरी रह जाती हैं। जब नेपाल में अत्यधिक बरसात होने पर वहां डैम के सभी फाटक तथा रेगुलेटर खोल दिए गए, तो अचानक जलप्रवाह से सभी नदियां जल प्लावित हो गईं। राप्ती तथा सरयू के साथ-साथ शारदा नदी में भी यह स्थिति देखी गई।
जनपद लखीमपुर खीरी और पीलीभीत में भी सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 12 जनपद बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहे हैं। बाढ़ से प्रदेश की 33 तहसीलों के 633 गांवों की 17 लाख 97 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। जल प्लावन से 18 हजार से अधिक पशु भी प्रभावित हुए हैं। 01 लाख 45 हजार हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि भी बाढ़ की चपेट में आयी है। बाढ़ को देखते हुए सभी प्रभावित क्षेत्रों में एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0, पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट्स की तैनाती के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर नौकाओं की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में 923 बाढ़ चौकियां तथा 1033 बाढ़ शरणालयों की स्थापना की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ से जनपद श्रावस्ती में 116 गांव पूरी तरह या आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं। 15 गांवों में कटान की स्थिति है। 76 हजार की आबादी इससे प्रभावित हुई है। 23 हजार 500 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आई है। जनपद में 04 जनहानि हुई हैं। यहां पर बचाव और राहत कार्य के लिए एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट्स की तैनाती की गई है, जो मोटर बोट की सहायता से बचाव कार्य कर रहे हैं। नौकाओं की व्यवस्था भी की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ की चपेट में आने वाले व्यक्तियों के लिए राहत पैकेट की व्यवस्था की गई है। आज यहां बाढ़ प्रभावितों को राहत पैकेट वितरित किए गए हैं। इनमें एक पैकेट में 05 किलो लाई, 02 किलो भुना चना, 01 किलो गुड़, 10 पैकेट बिस्कुट, एक पैकेट माचिस, एक पैकेट मोमबत्ती, दो नहाने के साबुन, 20 लीटर का एक जरीकेन पेयजल हेतु, 01 तिरपाल तथा द्वितीय पैकेट में 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 02 किलो अरहर की दाल, 10 किलो आलू, हल्दी, मिर्च, मसाला, सरसों का तेल 01 लीटर तथा 01 किलो नमक उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस बार औसत से अधिक बरसात होने की सम्भावना है। इसके लिए पहले से ही हमारी तैयारी होनी चाहिए। प्रदेश सरकार द्वारा प्रशासन से बरसात के पूरे सीजन के दौरान राहत की व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा गया है। कोई भी व्यक्ति भूखा न रहने पाए। बाढ़ शरणालयों में दोनों समय भोजन की व्यवस्था होनी चाहिए। पानी से घिरे हुए गांवों में समय से आवश्यक राहत सामग्री पहुंचाई जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नदी कटान की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में आवश्यक तैयारी होनी चाहिए। बाढ़ के समय सांप व अन्य जहरीले जन्तुओं तथा कुत्तों द्वारा काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में एण्टी स्नेक वेनम तथा एण्टी रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता रहे। नौकाओं की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश सरकार युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्य के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। जनप्रतिनिधिगण भी राहत व बचाव कार्य से जुड़े हुए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज उन्होंने उन परिवारों से मुलाकात की है, जो लोग विगत 06 व 07 जुलाई की रात्रि को पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट द्वारा सुरक्षित निकाले गए। इन लोगों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि समयबद्ध तरीके से किए गए प्रयासों के परिणाम सामने आएंगे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्रशासन पीड़ितों को राहत प्रदान करने में सफल होगा। प्रदेश सरकार की पीड़ितों के प्रति पूरी संवेदना है। सरकार हर संकट में उनके साथ है और उन्हें हर सम्भव सहायता प्रदान करेगी।
इस दौरान जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री जी को जनपद श्रावस्ती में बाढ़ की स्थिति तथा राहत एवं बचाव के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में अवगत कराया।
इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री जी ने जनपद श्रावस्ती में अचानक आयी बाढ़ के दौरान रात्रि में ही सफलतापूर्वक राहत कार्य सम्पन्न करने की प्रशंसा की। ग्राम भरथा केवटनपुरवा की श्रमिक श्रीमती रेखा देवी द्वारा प्रशासन को बिना घबराये सही समय पर सटीक सूचना दी गयी, जिस कारण प्रशासन को श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी व स्थिति प्राप्त हो सके। ग्राम भरथा केवटनपुरवा के ही श्री राम उजागर द्वारा बचाव के लिए की जा रही पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट के पथ प्रदर्शन का साहसिक कार्य किया गया। पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट के आरक्षी श्री सोनू कुमार, श्री अमरेश कुमार सरोज, श्री शुभम सिंह, श्री सतीश कुमार यादव तथा श्री मनोज कुमार द्वारा अदम्य साहस का परिचय देते हुए रात्रि में ही सफलतापूर्वक बचाव अभियान को सम्पन्न किया गया।
सूचना देने वाली महिला, रास्ता दिखाने वाले ग्रामीण तथा पी0ए0सी0 के 05 जवानों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है। इन सभी को 01-01 लाख रुपये का पारितोषिक प्रदान किया जाएगा।