राहुल के नेगेटिव अप्रोच कांग्रेस के लिए आत्मघाती

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लखनऊ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की राजनीति को लेकर अक्सर विभिन्न दृष्टिकोण देखने को मिलते हैं। उनके आलोचकों का कहना है कि उनकी राजनीति में नकारात्मकता है, जो कई बार उनकी आलोचना का कारण बनती है। यहां कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं जिनके आधार पर उनकी राजनीति को नकारात्मक कहा जाता है:

1. **लगातार आलोचना**: राहुल गांधी अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार की नीतियों की तीखी आलोचना करते रहे हैं। उनके भाषणों और बयानों में अक्सर सरकार के खिलाफ कठोर शब्दों का इस्तेमाल होता है।

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2. **सक्रिय विपक्ष**: कई लोग मानते हैं कि राहुल गांधी का फोकस केवल सरकार की आलोचना पर रहता है और उनके पास खुद की ठोस नीतियां और कार्यक्रमों की कमी है।

3. **संसदीय व्यवहार**: संसद में राहुल गांधी का आचरण और बयानबाजी भी कई बार विवादित रही है, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है।

4. **आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति**: राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अक्सर भाजपा पर व्यक्तिगत हमले करते रहे हैं, जिससे राजनीतिक माहौल में तनाव बढ़ता है।

5. **निर्णय लेने में देरी**: राहुल गांधी पर यह भी आरोप लगाया जाता है कि वे पार्टी में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में देरी करते हैं, जिससे पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में असमंजस की स्थिति पैदा होती है।

हालांकि, राहुल गांधी के समर्थक इन आलोचनाओं को अस्वीकार करते हैं और मानते हैं कि वे एक सशक्त विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं और जनता के मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हैं।

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