नयी दिल्ली ।सेंटर फॉर डेमोक्रेसी, प्लुरलिस्म एंड ह्यूमन राइट्स (सीडीपीएचआर) ने हिंसाग्रस्त बंगलादेश में अल्पसंख्यों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है और संयुक्त राष्ट्र सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यों के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए कारगर कदम उठाने की अपील की है।
सीडीपीएचआर ने बुधवार को कहा कि बंगलादेश में जारी राजनीतिक हिंसा चिंतनीय है और सीडीपीएचआर इसकी कड़ी निंदा करता है।
सीडीपीएचआर ने कहा कि बंगलादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने तथा देश से पलायन करने के बाद से वहां आम लोगों और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ हिंसा की खबरें आ रही हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को कम से कम चार मंदिरों पर हमले किये गये। अवामी लीग के एक अल्पसंख्यक हिंदू नेता की मौत की भी खबर आई हैं। बंगलादेश के एक प्रमुख अल्पसंख्यक संगठन हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के अनुसार अल्पसंख्यकों के लिए देश में स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, कौकाटा में राधा गोविंद मंदिर पर हमला किया गया था। पंचगढ़, ठाकुरगांव, लोहागरा, नोआखली, झेनैदाह, हथुरिया, डुमर, तंगैल, शरीयतपुर, लालमोनिरहाट, मुंशीगंज, संभूगंज, चांदपुर, अराइहाजार, खुलना, दिनाजपुर, नरसिंगडी, लक्ष्मीपुर, किशोरगंज, जेस्सोर, सतखीरा और हबीबगंज। जेस्सोर जिले में अल्पसंख्यों के कम से कम 22 दुकानों को लूट लिया गया। सीडीपीएचआर ने कहा कि हिंसक कट्टरपंथियों को देश को जलाने और आम लोगों के जीवन पर हमला करने से रोकना अभी के लिए सेना की जिम्मेदारी है। सीडीपीएचआर से संबंधित अधिकारियों से अल्पसंख्यों की सुरक्षा के लिए निर्णायक कार्रवाई करने का अनुरोध करते हुए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से अल्पसंख्यों की सुरक्षा के लिए कारगर कदम उठाने की अपील की है।