सपने हमें भविष्य का संकेत देते हैं। अग्नि महापुराण में अशुभ सपनों के बारे में बताया गया है। हर मनुष्य के हृदय गुहा में शक्ति का निवास रहता है। वह शक्ति कार्य होने से पहले शुभता व अशुभता का आभास कराती है। यह संकेत भविष्य की ओर इंगित करते हैं, ताकि इससे बचने के लिए देव पूजन किया जाए। उपाय किए जा सके। इसके अलावा भी अनेकानेक ग्रंथों में अशुभ सपनों के बारे में बताया गया है, आइये जानते हैं, प्रमुख रूप से अशुभ सपनों के बारे में –
लाल चंदन को लगाना, लाल फूलों की माला पहनना, तेल से नहाना, गेरुआ वस्त्रों से खेलना, गेरुआ वस्त्र धारण करना, वानरों-पिशाच- राक्षस व चांडाल आदि के साथ खेलना, नाभि के सिवाय शरीर के अन्य अंगों में तृण वृक्षों का उगना अशुभ, कांसे के बर्तनों का मस्तक पर रखकर फोड़ा जाना अशुभ सपने माने जाते हैं।
इसके अलावा माथा मुंडाना, नग्न होना, मैले कपड़े पहनना, तेल लगाना, कीचड़ लपेटना, ऊंचे से गिरना, विवाह होना, गीत गाना, वीणा आदि के गाने सुनकर मन बहलाना, हिंडोले पर चढ़ना, कमल और लोहे को प्राप्त करना, सांपों को मारना, लाल फूलों से भरे हुए वृक्षों और चांडाल को देखना, ब्राह्मण- देवता- राजा और गुरुओं का कुपित होना, दक्षिण दिशा की ओर जाना अशुभ सपने माने जाते हैं।
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इसके अलावा सुअर, कुत्ते,ऊंटों व गधे पर चढ़ना, चिड़िया का मांस का भक्षण करना, तेल पीना, खिचड़ी खाना, माता के गर्भ प्रवेश करना, चिता पर चढ़ना, इंद के उपलक्ष्य में खड़ी हुई ध्वजा का टूट पड़ना अशुभ स्वप्न माने जाते हैं।
इसके अलावा सूर्य और चंद्रमा का गिरना, दिव्य अंतरिक्ष और भूलोक में होने वाले उत्पादों का दिखाई देना, नाचना, हंसना, विवाह करना, गीत गाना करते हुए देखना, वीणा के अतिरिक्त अन्य प्रकार के वाद्यों को स्व्यं बाजाना अशुभ स्वप्न माने जाते हैं।
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इसके अलावा नदी में डूबकर नीचे जाना, गोबर-कीचड़ व स्याही मिले जल से स्नान करना, कुंवारी कन्याओं से आलिंगन, पुरुषों का एक-दूसरे के साथ मेथुन, अपने अंगों की हानि, वमन और विरेचन करना, फलों की हानि, धातुओं का भेदन, घरों का गिरना, घरों में झाड़ू देना अशुभ स्वप्न माने जाते हैं।