हनुमान जी को शिव के 11वें रूद्र अवतार के रूप में माना जाता है। वे:
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श्रीराम के परम भक्त हैं
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बल, बुद्धि और भक्ति के प्रतीक माने जाते हैं
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“अंजनी पुत्र” और “मारुति” नामों से भी प्रसिद्ध हैं
हनुमान जन्मोत्सव एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान राम के भक्त हनुमान जी के जन्म के रुप में मनाया जाता है। हनुमान जन्मोत्सव पर्व पूरे भारत और दुनिया भर के हिंदुओं द्वारा बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान हनुमान का जन्म चैत्र महीने की पूर्णिमा के दिन हुआ था, जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल में पड़ता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार हनुमान जी भगवान शिव के अवतार हैं और अंजनी और केसरी के पुत्र हैं। इसी पावन त्रैता युग में हनुमान जी माता अंजनी की कोख से जन्म लिया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था। पंचांग के अनुसार, 12 अप्रैल 2025 दिन शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। इस दिन हनुमानजी की पूजा-आराधना करना महत्वपूर्ण माना जाता है।
हनुमान जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त
– पूर्णिमा तिथि आरंभ- 12 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर शुरु होगा।
– पूर्णिमा तिथि समाप्त- 13 अप्रैल 2025 को सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी।
पूजन सामग्री की लिस्ट-
-सिंदूर
-घी या चमेली का तेल
-चांदी या सोने का वर्क
– वस्त्र
-जनेऊ
हनुमान जी की पूजा-विधि
इस दिन सबसे पहले आप मंदिर में घी की ज्योत प्रज्वलित करें। फिर गंगा जल से हनुमान जी का अभिषेक करें। अभिषेक करने के बाद एक साफ वस्त्र से हनुमान दी की प्रतिमा को पोछें। इसके बाद सिंदूर और घी या चमेली के तेल को मिला लें। अब आप हनुमान जी को जनेऊ पहनाएं। इसके बाद चोला चढ़ाएं। अब हनुमान जी को चोला चढ़ाने के बाद सोने या चांदी वर्क चढ़ाएं। अब आप हनुमान जी को नए वस्त्र पहनाएं। अंत में हनुमान जी की आरती जरुर करें। हनुमान चलीसा का पाठ भी एक से अधिक बार करें। भोग में हनुमान जी को लड्डू चढ़ाएं।