बुधवार के दिन इस विधि से करें भगवान गणेश की पूजा, जल्द बनेंगे बिगड़े काम

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बुधवार का दिन भगवान गणेश जी को समर्पित माना जाता है। हिन्दू धर्म में गणेश जी को विघ्नहर्ता (विघ्नों को दूर करने वाले) और बुद्धि, ज्ञान व शुभता का प्रतीक माना जाता है। बुधवार को विशेष रूप से गणेश जी की पूजा करने से बुद्धि, विवेक, और समृद्धि में वृद्धि होती है।

इस दिन महादेव के पुत्र गणपति बप्पा की विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए। साथ ही मोदक समेत आदि चीजों का भोग भी लगाना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के जीवन की सभी बाधा दूर होती है। साथ ही रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं। पूजा के दौरान गणेश स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इससे साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे करें भगवान गणेश की पूजा?

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बुधवार को भगवान गणेश की पूजा कैसे करें?

1. प्रातः स्नान करके साफ कपड़े पहनें।

2. गणेश जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।

3. “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें (कम से कम 11 बार)।

4. दूर्वा घास, लड्डू (विशेषकर मोदक), और सिंदूर चढ़ाएं।

5. गणेश जी की आरती करें (जैसे – ‘जय गणेश देवा…’)


🍀 बुधवार के दिन क्या खास माना जाता है:

  • हरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।

  • हरे मूंग या पत्तेदार सब्ज़ियों का दान करने से लाभ होता है।

  • गणेश जी को मूल्य (जैसे गुड़, नारियल, लड्डू) बहुत प्रिय हैं।

  • बुध ग्रह भी इस दिन का स्वामी है, और गणेश जी की पूजा से बुध दोष से मुक्ति मिलती है।

 

गणेश स्तोत्र (Ganesha Stotram)

शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।

येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥

चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।

विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥

तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।

साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥

चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।

सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥

अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।

तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥

इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।

एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥

तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।

क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥

 

गणेश गायत्री मंत्र

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

 

सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥

 

धन लाभ हेतु मंत्र

ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

 

गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश…

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश…

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश…

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।

लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश…

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश…

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश…

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश…

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश…

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश…

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश…

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश…

🛕 भारत में गणेश जी के प्रमुख मंदिर:

1. सिद्धिविनायक मंदिर (मुंबई, महाराष्ट्र)

  • यह सबसे प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में से एक है।

  • लाखों श्रद्धालु यहां रोज़ दर्शन करने आते हैं।

  • गणेश चतुर्थी के अवसर पर यहाँ विशेष भीड़ होती है।

2. दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर (पुणे, महाराष्ट्र)

  • पुणे का यह मंदिर भी अत्यंत भव्य और लोकप्रिय है।

  • यह मंदिर गणेशोत्सव के लिए विशेष रूप से जाना जाता है।

3. मोडकसूरी (Theur) – अष्टविनायक में एक मंदिर (महाराष्ट्र)

  • अष्टविनायक यात्रा का यह प्रमुख पड़ाव है।

  • यहाँ के गणपति को चिंतामणि गणपति कहा जाता है।

4. राजगिरि विनायगर मंदिर (तमिलनाडु)

  • यह मंदिर प्रसिद्ध है 6 फुट ऊँची एक ही पत्थर से बनी गणेश प्रतिमा के लिए।

  • यहाँ गणेश जी को “राजगिरि विनायगर” के रूप में पूजा जाता है।

5. कनिपक्कम विनायक मंदिर (चित्तूर, आंध्र प्रदेश)

  • यह मंदिर “स्वयंभू” (स्वतः उत्पन्न) गणेश प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है।

  • मंदिर में गणेश जी की मूर्ति का आकार हर साल थोड़ा बढ़ता हुआ बताया जाता है।

6. मनकुला विनायगर मंदिर (पुडुचेरी)

  • यह दक्षिण भारत का एक अत्यंत प्रसिद्ध गणेश मंदिर है।

  • मंदिर की वास्तुकला और मूर्तियाँ देखने लायक होती हैं।

7. उच्ची पिल्लयार मंदिर (त्रिची, तमिलनाडु)

  • यह मंदिर एक चट्टान के ऊपर स्थित है, जहाँ से शहर का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।

  • पिल्लयार यानी गणेश जी को दक्षिण भारत में इसी नाम से पुकारा जाता है।


🪔 महाराष्ट्र के “अष्टविनायक” (8 प्रमुख गणपति मंदिर):

  1. मोरेगांव – मयूरेश्वर

  2. सिद्धटेक – सिद्धिविनायक

  3. पाली – बल्लालेश्वर

  4. महड़ – वरदविनायक

  5. थेउर – चिंतामणि

  6. लेंयाड्री – गिरिजात्मज

  7. ओझर – विघ्नेश्वर

  8. रांजणगाँव – महागणपति

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