काजल अग्रवाल को “ब्रेन विथ ब्यूटी” कहना बिल्कुल उपयुक्त है, क्योंकि उन्होंने न केवल अपनी खूबसूरती और अभिनय कौशल से, बल्कि अपनी शिक्षा और सोच से भी प्रशंसा अर्जित की है। काजल अग्रवाल न केवल एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं, बल्कि उनकी शिक्षा, सोच और दृष्टिकोण उन्हें “ब्रेन विथ ब्यूटी” की सच्ची मिसाल बनाते हैं।
🎓 शिक्षा और बुद्धिमत्ता
काजल ने मुंबई के किशिंचंद चेलाराम कॉलेज से मास मीडिया में स्नातक की डिग्री प्राप्त की, जिसमें उन्होंने मार्केटिंग और विज्ञापन में विशेषज्ञता हासिल की।
अपने कॉलेज के अंतिम वर्ष में, उन्होंने ल’ओरियल में इंटर्नशिप की, जहाँ एक फोटोग्राफर ने उन्हें मॉडलिंग का सुझाव दिया, जिससे उनका फिल्मी करियर शुरू हुआ।
🎬 करियर और उपलब्धियाँ
काजल ने 2004 में हिंदी फिल्म “क्यों! हो गया ना…” से अभिनय की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने तेलुगु, तमिल और हिंदी फिल्मों में कई प्रमुख भूमिकाएँ निभाईं। उनकी फिल्म “मगधीरा” (2009) ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई।
2020 में, उन्हें मैडम तुसाद सिंगापुर में मोम की प्रतिमा के रूप में सम्मानित किया गया, जो किसी दक्षिण भारतीय अभिनेत्री के लिए पहली बार था।
👩💼 व्यक्तित्व और सोच
काजल ने एक साक्षात्कार में कहा कि वह शादी और मातृत्व के बाद भी अभिनय में सक्रिय रहना चाहती हैं, जिससे उनकी स्वतंत्र सोच और प्रतिबद्धता का पता चलता है।