बृहस्पति देव की साधना गुरुवार को करना विशेष फलदायी होता है। नीचे एक सरल और प्रभावशाली बृहस्पति वार साधना विधि दी गई है, जिसे आप घर पर कर सकते हैं।
🌼 बृहस्पति वार की साधना विधि (घर पर सरल अनुष्ठान):
🕗 साधना का समय:
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गुरुवार सुबह सूर्योदय के बाद (अधिक शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त या प्रातः 6 से 8 बजे के बीच)
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स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें।
🔸 सामग्री (पुजन सामग्री):
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पीला कपड़ा
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पीले फूल (गेंदे के फूल विशेष शुभ होते हैं)
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हल्दी, चंदन
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गुड़ और चने की दाल
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केला या कोई पीला फल
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एक तांबे का लोटा (जल भरने के लिए)
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दीपक (घी का)
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अगरबत्ती या धूप
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बृहस्पति देव की मूर्ति या फोटो (यदि उपलब्ध न हो तो “ॐ” का चित्र भी चलेगा)
🕉️ साधना विधि:
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स्थान की सफाई करें और वहां आसन बिछाएं।
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पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
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पीले कपड़े पर बृहस्पति देव का चित्र रखें और दीपक जलाएं।
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तांबे के लोटे में जल, थोड़ी हल्दी और गुड़ डालकर रखें।
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देवता को पीले फूल अर्पित करें और थोड़ा चने की दाल भी चढ़ाएं।
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हाथ में अक्षत (चावल) लेकर संकल्प लें – अपनी इच्छा या परेशानी का उल्लेख करें और बृहस्पति देव से कृपा की प्रार्थना करें।
📿 मंत्र जाप (कम से कम 11 बार, 108 बार और भी उत्तम):
“ॐ बृं बृहस्पतये नमः”
या
देवानां च ऋषीणां च गुरुं कांचनसन्निभम्।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्॥
जाप के समय मन शांत और ध्यान केंद्रित रखें।
🍌 प्रसाद और दान:
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पूजा के बाद केले, गुड़ और चने की दाल का प्रसाद बांटें।
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किसी ब्राह्मण, साधु या ज़रूरतमंद को पीले वस्त्र, केला, चने की दाल, या हल्दी का दान करें।
💫 विशेष सुझाव:
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इस दिन नाखून न काटें, बाल न कटवाएं, और झूठ ना बोलें।
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पीला भोजन ग्रहण करें, जैसे खिचड़ी, बेसन से बने पकवान।
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सच्चे मन से की गई साधना से धन, संतान सुख, विवाह में अड़चन, शिक्षा या नौकरी संबंधी समस्याओं में लाभ होता है।