शिलांग, 21 अप्रैल (एजेंसी)। मेघालय और मुंबई पुलिस ने भारत भर में बंगलादेशी नागरिकों द्वारा अवैध प्रवास, दस्तावेज जालसाजी और वित्तीय अपराध के एक सुनियोजित नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है।
यह अभियान इस वर्ष 14 फरवरी को शुरू हुआ, जब मेघालय पुलिस को संदिग्ध बंगलादेशी नागरिकों के एक समूह के असम के गुवाहाटी से मेघालय की राजधानी शिलांग की यात्रा करने के बारे में विश्वसनीय जानकारी मिली।
री-भोई जिले के अंतर्गत नोंगपोह में एक पुलिस चौकी पर पांच संदिग्ध बंगलादेशी नागरिकों को रोका गया, जिनमें चार वयस्क और एक बच्चा शामिल हैं।
री-भोई के जिला पुलिस प्रमुख विवेकानंद सिंह राठौर ने रविवार को कहा, “शुरू में हिरासत में लिए गए बांगलादेशी नागरिकों ने आधार और पैन कार्ड प्रस्तुत किए, कठोर पूछताछ में समूह की असली पहचान बंगलादेशी नागरिकों के रूप में सामने आई, जो एक विस्तृत तस्करी नेटवर्क की मदद से दो महीने पहले अवैध रूप से भारत में घुसे थे।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे काम की तलाश में मुंबई आए थे और अब बंगलादेश लौटने की फिराक में थे।
श्री राठौर ने कहा कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने मुंबई के सेवरी इलाके में रहने वाले शेख मोहम्मद मुजीब के जरिए आधार और पैन कार्ड सहित भारतीय पहचान दस्तावेज प्राप्त करने की बात स्वीकार की।
श्री राठौड़ ने कहा कि आगे की जांच में नुसरत ए काजी और जाबिर यूनुस शेख से जुड़े मुंबई के एक आपराधिक गिरोह का पता चला, जो फर्जी पहचान का फायदा उठाकर अप्रवासियों के नाम पर बैंक खाते खोलते थे।
श्री राठौड़ ने कहा कि इस नेटवर्क और कुछ अन्य लोगों ने हजारों अवैध अप्रवासियों को फर्जी भारतीय दस्तावेज हासिल करने में मदद की होगी और इनका दुरुपयोग विभिन्न वित्तीय और अन्य अपराधों के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि “राज्यों में खुफिया एजेंसियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कड़ी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि यह कोई अकेले व्यक्ति का मामला नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि अवैध प्रवास, जालसाजी दस्तावेज़ और वित्तीय अपराध का यह सुनियोजित नेटवर्क राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकता है।