भारत में बुध देव (Budh Dev) को नवग्रहों में एक प्रमुख ग्रह देवता के रूप में पूजा जाता है। बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, तर्क, शिक्षा और व्यापार का प्रतीक माने जाते हैं। बुध देव की पूजा विशेष रूप से बुधवार को की जाती है।
🔱 भारत में बुध देव के प्रमुख मंदिर:
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Thiruvenkadu Budhan Temple (तिरुवेनकाडु बुधन मंदिर) – तमिलनाडु
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यह मंदिर नवग्रहों के लिए प्रसिद्ध है और बुध देव को समर्पित है।
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भगवान शिव के मंदिर के परिसर में स्थित है।
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Kanjanoor (कांजनूर) – तमिलनाडु
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यह मंदिर भगवान अग्नीश्वरर और पार्वती देवी को समर्पित है, लेकिन बुध ग्रह की पूजा भी यहां विशेष रूप से होती है।
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Navagraha Temple, Devipattinam (देवीपट्टिनम नवग्रह मंदिर) – तमिलनाडु
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यहाँ समुद्र किनारे 9 पत्थर रूपी नवग्रह स्थापित हैं, जिनमें बुध ग्रह की भी पूजा होती है।
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Budhan Sthalam, Thiruvengadu
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यह स्थान विशेष रूप से बुध ग्रह के दोषों से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध है।
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Navagraha Temples, Kumbakonam Circuit
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यह नवग्रहों का एक मंदिर समूह है, जहां प्रत्येक ग्रह के लिए एक विशिष्ट मंदिर है। बुध के लिए थिरुवेंकाडु प्रमुख है।
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📿 बुध देव के मंत्र:
1. बीज मंत्र:
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः॥
इस मंत्र का 108 बार जाप बुधवार को करने से बुध ग्रह से जुड़ी बाधाओं में राहत मिलती है।
2. वेदिक मंत्र:
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च।
अस्मिन्त्सधस्थे अद्युत्तरस्मिन् विश्वे देवाः यजमानश्च सीदत॥
3. बुध गायत्री मंत्र:
ॐ बुधाय विद्महे ज्ञाना दायि धीमहि।
तन्नो बुधः प्रचोदयात्॥
🟢 बुध ग्रह के पूजन के लाभ:
बुद्धि और स्मरणशक्ति में वृद्धि
व्यवसाय और लेखन कार्यों में सफलता
त्वचा संबंधी रोगों में राहत
वैवाहिक जीवन में सामंजस्य
वाणी में मधुरता और संवाद कला में निपुणता
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