भगवान शिव की महिमा
भगवान शिव को संहारक और सृजनकर्ता दोनों रूपों में पूजा जाता है। वे त्रिदेवों में से एक हैं, जिनमें ब्रह्मा, विष्णु और शिव शामिल हैं। शिव का स्वरूप अत्यंत सरल और सौम्य है, और वे अपने भक्तों की भक्ति से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। शिवलिंग की पूजा, बेलपत्र, धतूरा, और जल अर्पित करना भगवान शिव को प्रसन्न करने के प्रमुख उपाय माने जाते हैं।
सोमवार की पूजा विधि
सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जा सकती है:
- स्नान और शुद्धिकरण: सबसे पहले प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- शिवलिंग की स्थापना: घर के पूजा स्थल में शिवलिंग की स्थापना करें।
- पंचामृत से अभिषेक: शिवलिंग का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से अभिषेक करें।
- बेलपत्र और धतूरा अर्पण: शिवलिंग पर बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें।
- धूप और दीप जलाएं: धूप और दीप जलाकर भगवान शिव की आरती करें।
- मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
सोमवार व्रत का महत्व
सोमवार के दिन व्रत रखने का भी विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। व्रतधारी को दिनभर फलाहार करना चाहिए और शाम को भगवान शिव की पूजा के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।
शिव भक्तों के लिए विशेष दिन
सोमवार का दिन शिव भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति भी होती है। शिव भक्तों के लिए यह दिन भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा प्रकट करने का उत्तम अवसर है।