तिलक का तो हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप अपनी पहचान छूपाना चाहते हैं तो अदृष्य तिलक भी लगा सकते हैं। हालांकि अपरिहार्य परिस्थितियों में ही लगाया जाना चाहिए। अदृष्य तिलक लगाने को लेकर भी शास्त्रों में कहा गया है। इसका उपाय यह बताया गया है कि ललाट पर जल से तिलक लगाया जाए, जो किसी को दिखाई नहीं देता, लेकिन लाभदायक होता है।
पुरूषों को माथे पर लंबा तिलक लगाने का विधान है। वहीं महिलाओं के माथे पर गोल टीका लगाने का रिवाज है। खास पहलू यह है कि हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध करता है। हल्दी में एंटी बैक्ट्रयिल तत्व होते हैं और इससे रोग दूर रहते हैं। धार्मिक मान्यता है कि चंदन का तिलक लगाने से पापों का नाश होता है। इससे ग्रहों की शांति भी होती है।
शास्त्रों में कहा गया है कि सिदूर धारण करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे नहा धोकर वस्त्र धारण करने के पश्चात उत्तर दिशा की ओर मुख करके माथे पर तिलक लगाया जाए। तिलक माथे की शोभा को बढ़ाने के साथ मुख को तेज को बढ़ाने वाला होता है। यह पूजा का चिन्ह होता है। इसे धारण करने से मनुष्य मन सात्विकता की ओर अग्रसित होता है। आइये, अब जानते है कि दिन वार यानी दिन को कैसे तिलक धारण किये जाए, जिससे हमें ग्रह शांति की दृष्टि से लाभ प्राप्त हो और ईश्वरीय कृपा भी प्राप्त हो।
रविवार के तिलक
रविवार का दिन भगवान सूर्य नारायण का दिन है। यह दिन भगवान विष्णु का भी रहता है। इस दिन के ग्रह स्वामी है सूर्य ग्रह। सूर्य ग्रहों के राजा हैं। इस दिन लाल चंदन या हरि चंदन लगाएं। भगवान विष्णु की कृपा रहने से जहां मान-सम्मान बढ़ता है तो वहीं निर्भयता आती है। लाल चंदन या हरिचंदन का तिलक लगाने से धारक का हर प्रकार से कल्याण होता है। सूर्य नारायण पर उस पर प्रसन्न होते हैं। जिन जातकों पर सूर्य नींच का हो, वह यह उपाय जरूर अपनाएं।
सोमवार का तिलक
भगवान शंकर का दिन सोमवार है और सोमवार का स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं। चंद्रमा मन का कारक ग्रह माना गया है। मन को काबू में रखकर मस्तिष्क को शीतल और शांत बनाए रखने के लिए आप सफेद चंदन का तिलक लगाएं। इस दिन विभूति या भस्म भी लगा सकते हैं।
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ऐसे करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। चूंकि भगवान शिव के चंद्रमा को धारण करते हैं, इसलिए भस्म व विभूति धारण करने से भी चंद्रमा प्रसन्न हो जाते हैं। शिव की कृपा से मनुष्य का कल्याण होता है।
मंगलवार का तिलक
मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना गया है। मंगलवार का स्वामी ग्रह मंगल देव है। मंगल लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन लाल चंदन या चमेली के तेल में घुला हुआ सिदूर का तिलक लगाने से ऊर्जा प्राप्त होती है और धारक की कार्यक्षमता का भी विकास होता है।
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इससे मन की उदासी और निराशा हट जाती है और दिन शुभ बनता है। हनुमन कृपा के लिए सिंदूर का तिलक लगाने व सिंदूर चढ़ाने का भी विधान है।
बुधवार का तिलक
बुधवार को जहां मां दुर्गा का दिन माना गया है, वहीं यह भगवान गणेश का दिन भी है। इस दिन का ग्रह स्वामी बुध ग्रह हैं। इस दिन सूखे सिदूर (जिसमें कोई तेल न मिला हो) का तिलक लगाना चाहिए। इस तिलक से बौद्धिक क्षमता तेज होती है और दिन शुभ रहता है। इससे भगवती की कृपा भी प्राप्त होती है।
गुरुवार का तिलक
गुरुवार यानी बृहस्पतिवार। इस दिन का स्वामी ग्रह है बृहस्पति ग्रह। बृहस्पति ऋषि देवताओं के गुरु भी हैं। ब्रह्मा इस दिन के देवता हैं। गुरु को पीला या सफेद मिश्रित पीला रंग अत्यन्त प्रिय है। इस दिन सफेद चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर उसमें केसर मिलाकर लेप को माथे पर लगाना चाहिए या टीका लगाना चाहिए। हल्दी या गोरोचन का तिलक भी लगा सकते हैं। इससे मन में पवित्र और सकारात्मक विचार उद्भव होगा, जिससे दिन भी शुभ रहेगा और आर्थिक परेशानी का हल भी निकलेगा। बृहस्पति देव की कृपा से जीवन में तरक्की का मार्ग भी प्रशस्त होता है।
शुक्रवार का तिलक
शुक्रवार का दिन भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मीजी का रहता है। इस दिन के स्वामी ग्रह शुक्र हैं। दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य हैं। इस दिन लाल चंदन लगाने से जहां तनाव दूर रहता है, वहीं इससे भौतिक सुख-सुविधाओं में भी वृद्धि होती है। इस दिन सिदूर भी लगा सकते हैं।
शनिवार का तिलक
शनिवार को भैरव, शनि और यमराज का दिन माना जाता है। इस दिन के ग्रह स्वामी है शनि ग्रह। शनिवार के दिन विभूत, भस्म या लाल चंदन लगाना चाहिए जिससे भैरव महाराज प्रसन्न रहते हैं और किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होने देते। दिन शुभ रहता है। शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए विभूति, भस्म या लाल चंदन लगाना चाहिए।