प्रकृति हमें संकेत देती है, बस हम ही हैं, उन संदेशों को समझ नहीं पाते है। गधा आम तौर पर शहरों में अब भी देखे जा सकते हैं। गधों भी शकुन-अपशकुन का संकेत देते हैं, जो कि व्यक्ति के भविष्य की ओर इंगित करता है। अगर आप कहीं जा रहे हैं और आपके बायीं ओर गधा बोले तो आपके कार्य सिद्धि का संकेत है। जिस व्यक्ति को भी यह संकेत प्राप्त हो, उसकी लालसा आवश्य पूरी होती है, जैसे भूखा होगा तो उसे शीघ्र भोजन प्राप्त हो जाएगा। अगर व्यक्ति के घर में अग्नि का अभाव होगा तो उसकी पूर्ति होगी।
अगर बायीं ओर से गधा अपने शरीर को खुजलाता हुआ आए तो व्यक्ति सभी प्रकार के लाभ की पूर्ति का यह संकेत है। अगर वह बायीं ओर रेंके तो हर प्रकार से शुभ माना जाता है। पीठ के पीछे भी गधा रेंके तो इसे शुभ ही माना जाता है। वह गधा जितनी जोर से रेंकेगा, वह उतना ही प्रभावी होगा। यह कार्य सिद्धि का संकेत होता है, लेकिन गधा अगर सामने दिखाई दे तो काम बिगाड़ने वाला होता है, यह असिद्धि का संकेत है।
अगर सामने खड़ा हुआ गधा पांव को फेंकता हुआ दिख्ो तो विवाद का संकेत समझना चाहिए। अगर सामने दो गधे दिखाई दें और आपस में लड़ते दिखे तो यह इस बात का संकेत है कि आने वाला समय दुखद है। अगर गधा सामने लेटा हुआ मिले या फिर सिर धुनता हुआ दिखाई दे तो यह भी दुखद परिणाम को प्रकट करता है। यह नुकसान का संकेत है। अगर गधा दायीं ओर खड़ा हो तो यह अशुभता प्रकट करता है। अगर दायीं ओर से आता दिखे तो यह आकस्मिक कष्ट का सूचक है। अगर गधा बायीं ओर आता हुआ दिखे तो यह अशुभ नहीं है। अगर गधा दायीं ओर से हटता हुआ चला जाए तो इसका फल अल्प रहता है। अगर गधा सामने से दायीं ओर से आत हुआ पीछे की ओर चला जाए तो बहुत कम नुकसानदायक प्रभाव होगा।
कुछ विद्बान मानते हैं कि शुरुआत में कष्ट आते हैं,फिर सुखमय प्रभाव रहता है। अगर गधा सामने से दायीं ओर होता हुआ एकदम व्यक्ति की पीठ के पीछे पहुंच जाए तो यह अत्यन्त अशुभ प्रभाव बताने वाला होता है। गधे से सम्बन्धित यह शकुन प्रभावी रहते है, चूंकि अन्य पक्षी व प्राणी अब शहरीकरण के प्रभाव से शहरी क्षेत्रों से गायब हो गए हैं, लेकिन गधे अभी यदा-कदा देखे जाते है, लिहाजा इनका शकुन प्राप्त किया जा सकता है।