एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। धर्म शास्त्रों में एकादशी के महात्म्य का वर्णन किया गया है। एकादशी पर सात्विक आचरण करें और ईश्वरीय भक्ति में दिन व्यतीत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
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इस दिन हमें कुछ चीजों से दूर रहना चाहिए, हम आपको इस लेख में इसके बारे में ही बताने जा रहे है। ऐसे कई काम हैं, जो हमे एकादशी के अवसर पर नहीं करने चाहिए। धर्म शास्त्रों में वर्जित इन कृत्यों को करने से मनुष्य जाने- अनजाने में पाप का भागी बन जाता है। उसके अर्जित पुण्य का ह्रास होता है।
1- एकादशी के दिन चावल के सेवन से बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। धर्म शास्त्रों में एकादशी के दिन चावल के सेवन पर निषेध है, अगर कोई व्यक्ति एकादशी के चावल का सेवन करता है तो पुण्य नष्ट हो जाते हैं। जाने-अनजाने वह पाप का भागी बनता है, इसलिए एकादशी के दिन चावल को बिल्कुल भी नहीं खायें।
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2- एकादशी से एक पूर्व घर में झाड़ू लगा लें, एकादशी के दिन झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। बाल न धोएं।
3- एकदशी के एक दिन पूर्व तुलसी का पत्ता तोड़ लेना चाहिए, क्योंकि एकादशी के दिन तुलसी का पत्ता तोड़ना वर्जित होता है और भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का पत्ता अर्पित किया जाता है। इस दिन तुलसी ही बल्कि फल व वृक्ष के पत्ते भी तोड़ने वर्जित रहते हैं।
4- एकादशी के दिन जीव हत्या का महापाप होता है। वैसे तो किसी भी दिन जीव हत्या से बचना चाहिए, लेकिन एकादशी को तो भूलकर भी जीव हत्या न करें। इसे पुण्यों का नाश और महापाप लगता है।
5- एकादशी के दिन मसूर की दाल, जौ व सेम की फली नहीं खानी चाहिए। यह सभी खाना एकादशी के दिन वर्जित है। सेम की फली खाने से संतान को हानि होती है, इसलिए सेम की फली का सेवन न करें। एकादशी के दिन मीठा पान खाना वर्जित है, हालांकि इसे भगवान विष्णु को अर्पित जरूर किया जाता है।
6- मांस व तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए, एकादशी के दिन तो मांस, लहसुन व प्याज व अन्य तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। यह यह वस्तुएं वर्जित मानी जाती है। एकादशी या द्बादशी के दिन बैगन खाना भी वर्जित होता है।
7- एकादशी के दिन भोग-विलास से दूर रहकर भगवान की भक्ति में दिन व्यक्ति करना चाहिए। एकादशी के दिन दातुन करना भी वर्जित है, इसलिए दशमी की रात को ही दातुन व कुल्ला कर लेना चाहिए।
8- दाढ़ी, बाल व नाखून भी इस दिन नहीं काटने चाहिए। ऐसा करना वर्जित है।
9- एकादशी के दिन दूसरे व्यक्ति का अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। इससे पुण्यों का नाश होता है, इसलिए एकादशी के दिन दूसरे का दिया अन्न नहीं खाना चाहिए।
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10- एकादशी के दिन बुराई, अपमान, झूठ, क्रोध, झगड़े व अपशब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए। ऐसे करने से पुण्य नष्ट होते है। सात्विक आचरण करें और ईश्वरीय भक्ति में दिन व्यतीत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
11- एकादशी की रात को सोना नहीं चाहिए।
एकादशी के दिन क्या करें
एकादशी की रात जागकर रहना चाहिए। रात्रि में भगवान विष्णु का पूजन-अर्चन व कीर्तन करना चाहिए। रात्रि जागरण करते हुए भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए।
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इससे मनुष्य को अतुल्य पुण्य की प्राप्ति होती है और उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है। मनुष्य का दुर्भाग्य दूर होता है।
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