वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण भारत में 26 दिसम्बर को लग रहा है। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा। इस ग्रहण का प्रभाव के भिन्न-भिन्न भागों पर पड़ेगा। यह इस वर्ष का अंतिम ग्रहण सूर्यग्रहण होगा, जो कि 26 दिसंबर 2०19 को लगेगा। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण मूल नक्षत्र और धनु राशि पर मान्य होगा।
यह खंडग्रास सूर्यग्रहण केवल दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में ही दृश्यमान होगा। जहां यह ग्रहण दिखाई देगा, उन क्षेत्रों में ग्रहण के यम-नियम मान्य होंगे। ग्रहण का स्पर्शकाल प्रात: 8 बजकर 1० मिनट, मध्यकाल प्रात: 9 बजकर 31 मिनट और मोक्ष 1० बजकर 51 मिनट पर होगा।
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ग्रहण का पर्वकाल 2 घंटा 41 मिनट का रहेगा। सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। 25 दिसम्बर को 5 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा। इसकी समाप्ति ग्रहण की समाप्ति के साथ होगी।
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सूतक अवधि में भोजन करना, शरीर में तेल लगाना, शौच करना, केश विन्यास करना, रतिक्रीड़ा तथा दातुन करना आदि सब वर्जित है। इस समय ईश्वर का भजन करना चाहिए।
इस अवधि में घरों में रखा हुआ जल व भोजन अपवित्र हो जाते हैं। ग्रहण के बाद बर्तन मांजने चाहिए। वस्त्र धोने चाहिए। गर्भवती को चाहिए कि वह ग्रहण न देखें, अन्यथा बच्चा अंगहीन हो सकता है।