तुलसी सिर्फ रामा-श्यामा नहीं, अन्य प्रजाति भी हैं

0
1286

आम तौर हम दो प्रकार की तुलसी के बारे में जानते हैं, लेकिन तुलसी की अन्य प्रजातियां भी है, जो हमारे लिए लाभकारी मानी जाती है। इस लेख में हम तुलसी जी की इन प्रजातियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका प्रयोग अपने स्वस्थ्य रखने में कर सकते हैं।

आम तौर पर लोग तुलसी के दो भेदों को जानते हैं। एक को रामा और दूसरी को श्यामा तुलसी के रूप में जानते है। रामा तुलसी जी के पत्तों का रंग हल्का हरा होता है, जिससे उसका नाम गौरी भी पड़ गया है। श्यामा या कृष्ण तुलसी के पत्तों का रंग गहरा होता है और श्याम रंग होता है। उसमें कफनाशक तुलसी गुण अधिक होता है, इसलिए औषधि के रूप में अक्सर श्यामा तुलसी का ही प्रयोग किया जाता है, क्योंकि उसकी गंध और रस में तीक्ष्णता होती है।

Advertisment

दूसरी तुलसी जी हैं, बरबरी ‘ या ‘ बबई, जिसकी मंजरी की गंध अधिक तेज होती है। बीज, जिनको यूनानी चिकित्सा पद्धति हकीमी में तुख्य रहाँ कहते हैं। बहुत अधिक बाजीकरण गुणयुक्त माने गए हैं। वीर्य को गाढ़ा बनाने के लिए उनका प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त और दो- एक प्रजातियाँ विभिन्न प्रदेशों में भी होती हैं। इन सभी में तीव्र गंध होती है और कृमिनाशक गुण पाया जाता है।

तुलसी जी की तीसरी जाति वन तुलसी है, जिसे कठेरक भी कहते हैं। इसकी गंध घरेलू तुलसी की अपेक्षा बहुत कम होती है और इसमें विष का प्रभाव नष्ट करने की विशेष क्षमता होती है। रक्त दोष , कोढ़ , चक्षु रोग और प्रसव की चिकित्सा में भी यह विशेष उपयोगी होती है।

चौथी जाति को मरूवक कहते हैं। राजमार्तण्ड ग्रंथ में कहा गया है कि हथियार से कट जाने या रगड़ लगकर घाव हो जाने पर इसका रस लाभकारी होता है। किसी विषैले जीव के डंक मार देने पर भी इसको लगाने से काफी आराम मिलता है। विष के प्रभाव को कम करने में यह अत्यन्त उपयोगी मानी जाती है।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here