पारद शिवलिंग का पूजन विश्ोष फलदायी होता है। पारद शिवलिंग में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है। पारद शब्द में प विष्णु हैं, अ कालिका, र शिव और द ब्रह्मा हैं। कहने का आशय यह है कि ब्रह्मा, विष्णु व महेश समेत कालिका के स्वरूप में सभी देवियों का वास है। पारद अष्टदोषों से मुक्त, सप्त कंचुकी से रहित, निर्मल, स्निग्ध और कांतियुक्त होता है। पारद शिव लिंग के पूजन से मनुष्य को अतुल्य आनंद की प्राप्ति होती है और संसार में उपस्थित सभी बाधाएं पारद शिवलिंग की पूजा करने वाले के लिए दूर हो जाती हैं।
पारद शिवलिंग का पूजन संसार में जीव को सभी प्रकार के सुख प्रदान करता है। उसकी आत्मचेतना को जागृत करता है। इस पुनीत शिवलिंग के पूजन-अर्चन से कायिक, वाचिक, मानसिक, पापों से मुक्ति मिलती है, दैहिक, दैविक, भौतिक रोगों से सुरक्षा होती है।कफ आदि विकार दूर होते हैं। पारद शिवलिंग का पूजन करने वाले वाले को संसार में सुखों और यश की प्राप्ति होती है। यदि बुद्धिबल को प्राप्त करने की अभिलाषा है तो जीव को दिव्य गुण सम्पन्न, महिमावान, भगवान पारदेश्वर यानी पारद शिवलिंग का दर्शन-पूजन करना चाहिए। धर्मशास्त्रों में भी पारद शिवलिंग की महिमा का गान किया गया है, जिन्हें मोक्ष को प्रदान करने वाला बताया गया है।