बिल्व का धार्मिक महत्व तो है ही, इसके अलावा बिल्व पत्र सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। बिल्व को साधारण भाषा में बेल कहा जाता है, गर्मी के दिनों में इसका पेय विश्ोष राहत दिलाने वाला होता है। पेट के रोगों के लिए यह खासा फायदेमंद रहता है। गर्मी के दिनों में लोग बेल का मुरब्बे व बेल का शर्बत बनाकर सेवन करते हैं। इसका पका फल भी लोग खाते है, जो कि पेट के रोगों के लिए राहत दिलाने वाला होता है। इसके शुष्क फल के गूदे को धूप में अच्छी तरह से सुखाकर चूर्ण भी बनाया जाता है।
इसको ताजे जल से सेवन करने से पुराने संग्रहणी व अतिसार में लाभ पहुंचता है। कच्चे फल का गूदा आग के पकाकर पुराने गुड़ या मधु के साथ खाने से रक्तातिसार, रक्त प्रवाहिका, रक्तार्श में लाभ करता है। इसके अलावा विवंध में पका में पका फल खिलाया जाता है। इसका पत्र स्वरस ईक्षुमेह को नष्ट करता है। पूयमेह को नष्ट भी करता है। इसी तरह से अनेकों रोगों को दूर करते हुए बिल्व हमे शारीरिक व मानसिक रूप स्वस्थ करता है।