यदि आपको जल्द सौभाग्य व सुख-समृद्धि प्राप्त करने की इच्छा है तो निम्न दिया मंत्र अचूक है। यदि श्रद्धाभाव से श्री राम की शरण को प्राप्त कर इस मंत्र का जाप किया जाए तो निश्चित ही सौभाग्य के द्बार आपके लिए खुल जाएंगे। मंत्र है-
भय भ्ौषज रघुनाथ जसु, जे गावहिं नर नारि।
तिन्ह कर सकल मनोरथ, सिद्ध करहिं त्रिपुरारी।।
क्ष्ोमकरी करी कर क्ष्ोमविश्ोखी। श्याम वाम सुतरु पर देखी।।
पुत्रवती युवती जग सोई। रघुपति भक्त जासु सुत होई।।
अचल होय अहिबात तुम्हारा । जब लगि गंगजमुन जलधारा।।
बारहि बार लाइ उर लीन्हीं। धरि धीरज सिख आशिश दीन्हीं।।
जो रघुपति चरणन चित लावै। तेहिसम धन्य न आन कहावै।।
यह भांति गौरी अशीश सुनि। सियसहित हिय हर्षित अली।।
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि-पुनि, मुदित मन मंदिर चली।।
दीपवली के दिन इस मंत्र के जाप का विश्ोष फल प्राप्त होता है। दीपावली की रात को लक्ष्मी पूजन करके जानकी की पूजा करनी चाहिए। फिर मंत्र का तब तक पाठ करते रहिए, जब तक सूर्योदय न हो जाए। प्रात: को इसी मंत्र को जपते हुए गूलर के वृक्ष के निकट जाए और एक पान, सुपारी, लड्डू, धूप, कपूर और रोली चढ़ाकर इसी मंत्र का 21 बार पाठ करना चाहिए। फिर उसी वृक्ष से गूलर तोड़ लाए और धन रखने वाले स्थान पर रख दें। इससे आपको अतुल्य सुख की प्राप्ति होगी। श्री राम की कृपा से बिगड़े बन जाते हैं।