लखनऊ। भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट के प्रमुख सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में सुमार हनुमान धारा में जल्द ही देशी -विदेशी पर्यटक और तीर्थ यात्री रोपवे पर रोमांच भरी यात्रा कर सकेंगे। एक हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित हनुमान धारा में मार्च से स्विट्जरलैंड की ट्राली कार के साथ रोपवे की सेवा शुरू होगी। प्रति घंटे करीब पांच सौ लोग हनुमान धारा के दर्शन कर सकेंगे। आपको बता दे कि यह वही पवित्र तीर्थ स्थल है जहां लंका दहन के बाद राम भक्त हनुमान की तपन की ज्वाला शांत हुई थी।
धर्म नगरी चित्रकूट के प्रमुख तीर्थ स्थल हनुमान धारा की धार्मिक और पौराणिक महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने मैहर और देवास के बाद प्रदेश का तीसरा रोपवे बनाने का निर्णय लिया है। अभी हनुमान धारा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों को 665 सीढ़ियां चढ़ने पड़ती हैं। रोपवे के निर्माण के बाद उनकी राह आसान हो जायेगी। हनुमान धारा में रोपवे बनाने में दमोह रोपवेज इंफ्रा लिमिटेड बीआरआईएल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। करीब पांच साल से इसका काम चल रहा है। ऊपरी टर्मिनल में एयर प्लेटफॉर्म अनूठा होगा रोपवे की स्वचालित केविन ट्राली पिछले संचालित रोपवे से अलग होगी। हनुमान धारा पर रोपवे से यात्रा करने पर पर्यटकों को अलग ही प्राकृतिक नजारा देखने को मिलेगा। चार मिनट में रोपवे की ट्राली नीचे से ऊपर पहुंचेंगी। बीच में करीब एक मिनट के लिए ट्राली का रोका जाएगा। इससे श्रद्धालु चित्रकूट के प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकेंगे।
हनुमान जी की खत्म हुई थी जलन
आदि तीर्थ के रूप में समूचे विश्व में विख्यात भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट स्थित हनुमान धारा सुप्रसिद्ध हनुमान धामों में से एक है। रामायणी कुटी के महंत रामहृदय दास महाराज इस पावन तीर्थ स्थल की महिमा का बखान करते हुए बताते है कि जब हनुमान जी ने लंका में अपनी पूंछ से आग लगाई थी तब उनकी पूंछ पर बहुत जलन हो रही थी। भगवन श्रीराम से हनुमान जी के विनती करने पर श्री राम ने अपने बाण के प्रहार से विंध्य की इस पर्वत माला पर एक पवित्र धारा बनाई जो हनुमान जी की पूंछ पर लगातार गिरकर पूंछ की तपन को शांत किया था। यह पवित्र और ठंडी जल धारा पर्वत से निकल कर हनुमान जी की मूर्ति की पूंछ को स्नान कराकर नीचे कुंड में चली जाती है। इस धारा का जल हनुमानजी को स्पर्श करता हुआ बहता है। इसीलिए इसे हनुमान धारा कहते हैं। वहां एक ओर पौराणिकता का भव्य नजारा देखने को मिलता है तो वहीं भगवान श्रीराम की भक्त शिरोमणि हनुमान जी पर कितनी कृपा थी, इसका भी दर्शन देखने को मिलता है। हनुमान धारा का जल शीतल और स्वच्छ है। 365 दिन यह जल आता रहता है। यह जल कहां से आता है और कहाँ चला जाता है इसका पता नहीं चल पाता। यदि किसी व्यक्ति को दमा की बिमारी है तो यह जल पीने से काफी लोगों को लाभ मिला है। वहीं प्राचीन प्रतिमा के दर्शन से हर एक व्यक्ति का तनाव से मुक्त हो जाता है तथा मनोकामना भी पूर्ण हो जाती है।
मार्च से होगी शुरुआत
चित्रकूट नगर परिषद के सीएमओ रामकांत शुक्ला ने बताया कि प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण हनुमानधारा धर्म नगरी चित्रकूट का प्रमुख तीर्थ स्थल है। उन्होंने बताया कि हनुमान धारा पर रोपवे चालू होने के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा होगा। अभी तक 1000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हनुमान धारा जाने के लिए श्रद्धालुओं को कुल 665 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। बन रहे रोपवे में 6 ट्राली होगी। जिसमें एक बार में 48 सवारी एक बार में दर्शन कर सकेगी। उन्होंने बताया कि हनुमान धारा का यह रोपवे देश की सबसे आधुनिक प्रणाली से तैयार हो रहा है। रोपवे की ट्राली कार स्विट्जरलैंड से मंगवाई गई है। निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, मार्च से शुरुआत करने की योजना है।
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