लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है कि भीड़ से बचा जाए। प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी कर रखी है। प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों तथा मेडिकल काॅलेजों में आइसोलेटेड वाॅर्ड की व्यवस्था की गई है। साथ ही इससे प्रभावित लोगों को निःशुल्क चिकित्सा की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना के प्रति देशवासियों से अपील की है कि दिनांक 22 मार्च, 2020 को सुबह 07 बजे से रात्रि 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जनता कफर््यू को सफल बनाने के लिए कई निर्णय लिए हैं। इसके अन्तर्गत प्रदेश के सभी नगरों में जहां मेट्रो सेवा उपलब्ध है, वहां प्रातः 06 बजे से रात्रि 10 बजे तक यह सेवा बन्द रहेगी। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की सभी बस सेवाएं तथा नगर विकास विभाग की भी सभी बस सेवाएं प्रातः 06 से रात्रि 10 बजे तक बन्द रहेंगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि स्थिति से घबराने की आवश्यकता नहीं है। जागरूकता से इस पर विजय प्राप्त की जा सकती है। सभी लोगों से अपील की गई है कि भीड़ वाले क्षेत्रों में लोग न जाए।
मुख्यमंत्री जी ने वित्त मंत्री की अध्यक्षता में दिहाड़ी मजदूरों के सन्दर्भ में एक समिति गठित की थी। उन्होंने समिति की संस्तुतियों को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस समिति ने कोरोना वायरस के कारण बन्द हो रही व्यावसायिक व आर्थिक गतिविधियों के परिप्रेक्ष्य में दैनिक रूप से कार्य करके अपना व अपने परिवार का जीवन-यापन करने वाले व्यक्तियों के सहायतार्थ अनेक निर्णय लिए हैं। प्रदेश में श्रम विभाग के अन्तर्गत 20.37 लाख निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं। इन श्रमिकों को ‘लेबर सेस फण्ड’ से प्रत्येक श्रमिक को 1000 रुपए प्रति माह डी0बी0टी0 के माध्यम से उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इस पर लगभग 203 करोड़ रुपए का व्यय भार आएगा।
मुख्यमंत्री ने शहर में घुमन्तु प्रकृति जैसे ठेला, खोमचा, साप्ताहिक बाजार आदि का कार्य करने वाले लगभग 15 लाख श्रमिकों का बैंक खाता का विवरण सहित डेटाबेस नगर विकास विभाग द्वारा अगले 15 दिन में तैयार के निर्देश। ऐसे सभी श्रमिकों के खाते में प्रतिमाह 1000 रुपए की धनराशि हस्तांतरित की जाएगी। इस पर लगभग 150 करोड़ रुपए का व्यय भार आएगा। शहरी क्षेत्र के ऐसे दिहाड़ी मजदूर जिनके पास राशन कार्ड उपलब्ध नहीं हैं उनके राशन कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनवाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड 19 के परिप्रेक्ष्य में बन्द शैक्षणिक संस्थानों, माॅल, मल्टीप्लेक्स, जिम, तरण ताल, रेस्टोरेन्ट आदि के कारण प्रभावित श्रमिकों/कार्मिकों के हित के दृष्टिगत बन्द इकाईयों के स्वामियों/नियोजकों से अपील की कि प्रभावित श्रमिकों/कार्मिकों को इकाईयों की बन्दी अवधि में सभुगतान अवकाश प्रदान किया जाए। मनरेगा के अन्तर्गत प्रदेश में किए जा चुके कार्य के सन्दर्भ में भारत सरकार से लगभग 556 करोड़ रुपए की धनराशि के भुगतान की कार्यवाही तत्काल मार्च, 2020 में कराए जाने का अनुरोध किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अन्त्योदय योजना व मनरेगा एवं श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक एवं दिहाड़ी मजदूरों की संख्या लगभग 1 करोड़ 65 लाख है। इन जरूरतमंदों को 01 माह का निःशुल्क राशन अप्रैल माह में उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर लगभग 94.50 करोड़ रुपए का व्यय भार आएगा। प्रदेश में विभिन्न पेंशन योजनाओं (वृद्धावस्था, निराश्रित महिला तथा दिव्यांगजन पेंशन) के 83.83 लाख लाभार्थियों को देय पेंशन का वितरण त्रैमासिक समय में किया जाता है। इन लाभार्थियों को दो माह की अग्रिम पेंशन माह अप्रैल, 2020 में दी जाएगी। इनके अलावा ऐसे असहाय व्यक्ति भी बच सकते हैं, जिनके पास अपने व अपने परिवार के भरण-पोषण की व्यवस्था नहीं है। ऐसे व्यक्तियों को जिलाधिकारी द्वारा, ग्रामीण क्षेत्रों में खण्ड विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी की समिति तथा नगरीय क्षेत्रों में उपजिलाधिकारी/नगर मजिस्ट्रेट व सम्बन्धित नगर निकायों के आयुक्त/अधिशासी अधिकारी की समिति की संस्तुति पर, 1000 रुपए प्रतिमाह की सहायता उपलब्ध करायी जाएगी।
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