केंद्रीय टीम के दौरे से आगबबूला ममता

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कोलकाता। कोरोना संक्रमण की वजह से बंगाल के प्रभावित क्षेत्रों का केंद्रीय मंत्रियों की टीम द्वारा दौरा किए जाने से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आगबबूला हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इस पर आपत्ति जताई है। केंद्र सरकार द्वारा इस तरह से टीम भेजने को उन्होंने गैरजरूरी और अनुचित करार दिया है। मुख्यमंत्री ने अपनी चिट्ठी में दावा किया है कि सोमवार दोपहर 1 बजे गृह मंत्रालय से उन्हें फोन कर बताया गया कि केंद्रीय टीम बंगाल जाएगी जबकि सुबह 10:10 पर ही एयर इंडिया के हवाई जहाज से दो केंद्रीय टीम बंगाल पहुंच चुकी थी।
यहां तक कि राज्य के मुख्य सचिव के नाम गृह मंत्रालय की एक चिट्ठी 19 अप्रैल को ही लिखी गई थी लेकिन वह भी केंद्रीय टीम के दौरे से आधे घंटे पहले पहुंची। जब तक राज्य सरकार इस बारे में जान पाती तब तक केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल की टीम बंगाल आकर राज्य सरकार से किसी भी तरह की मदद लिए बगैर बीएसएफ और एसएसबी जैसे केंद्रीय बलों से संपर्क किया और विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया है। यह प्रोटोकॉल के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम को राज्य सरकार से पहले संपर्क करनी चाहिए थी। उसके बाद हमारी मदद से उन्हें क्षेत्र का दौरा करना चाहिए। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा बंगाल के जिन क्षेत्रों को गंभीर घोषित किया गया है, उसे लेकर भी ममता ने सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि केंद्र ने अपनी चिट्ठी में कलिंगपोंग में संक्रमण की स्थिति गंभीर करार दी है जबकि वहां 2 अप्रैल को कोरोना संक्रमण का अंतिम मामला सामने आया था। इसी तरह से जलपाईगुड़ी में गत 4 अप्रैल को और दार्जिलिंग में गत 16 अप्रैल को सामने आया था।
ये आंकड़े बताते हैं कि केंद्र सरकार ने बंगाल में कोरोना संक्रमण की जो लिस्ट जारी की है वह एकतरफा और केवल काल्पनिक है। ऐसे समय में जब केंद्र और राज्य की सरकार एक दूसरे के साथ मिलकर कोरोना संक्रमण का मुकाबला कर रही है, तब गृह मंत्रालय का यह बर्ताव दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य सरकार की पहल जिक्र करते हुए ममता ने लिखा है कि जब केंद्र ने लॉकडाउन नहीं किया था उसके पहले ही बंगाल सरकार ने अपने यहां लॉकडाउन कर दी थी। दूसरे चरण में भी केंद्र के लॉक डाउन की घोषणा से पहले बंगाल सरकार ने 30 अप्रैल तक बाजार दुकान आदि बंद रखने की घोषणा की थी। इतनी त्वरित तैयारियों के बावजूद केंद्र सरकार ने जिस तरह से केंद्रीय टीम को भेजकर राज्य सरकार को अंधेरे में रखा वह वांछनीय नहीं है।
उल्लेखनीय है कि चिट्ठी लिखने से पहले ममता बनर्जी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से इस केंद्रीय टीम को भेजने के पीछे संवैधानिक प्रावधानों को स्पष्ट करने को कहा था। गौर हो कि केंद्रीय टीम को राज्य प्रशासन ने अधिकतर क्षेत्रों में घूमने नहीं दिया और उन्हें राज्य सचिवालय में बुलाकर बैठा दिया गया था। मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने चेतावनी दे दी थी कि राज्य सरकार इस टीम को बंगाल में घूमने नहीं देगी तब तक जब तक इनके मंसूबे स्पष्ट न हों।
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