नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने तबलीगी जमात मामले में सोशल मीडिया पर चल रहे साम्प्रदायिक हैशटैग को हटाने के निर्देश संबंधी याचिका में हस्तक्षेप से गुरुवार को इन्कार कर दिया और याचिकाकर्ता को तेलंगाना उच्च न्यायालय जाने की सलाह दी।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग मामले की सुनवाई की और याचिकाकर्ता ख्वाजा एजाजुद्दीन को निर्देश दिया कि वह इस मुद्दे को लेकर तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाये।
न्यायमूर्ति बोबडे ने टिप्पणी की है कि “कोर्ट इसे कैसे रोक सकता है? आप कह रहे हैं कि लोग ट्विटर पर गलत बातें कह रहे हैं। कल लोग कहेंगे कि फोन पर उन्हें कोई कुछ कह रहा है। हम एमटीएनएल को कैसे निर्देशित कर सकते हैं?” याचिकाकर्ता ने खंडपीठ को सूचित किया कि वह सोशल मीडिया प्लेटफार्म से उन हैशटैग को हटाने के लिए दिशा-निर्देश मांग रहा है जो भड़काऊ हैं। न्यायालय ने मामले में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया और याचिकाकर्ता को तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेने की अनुमति दी।