शंख का हिंदू यानी सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इसका प्रयोग शुभता की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इसके प्रयोग से नकारात्मकता का नाश होता है। अगर आप इसे अपने घर में प्रयोग करते हैं तो इसके प्रयोग से वास्तुदोष का नाश होता है। शुभता की प्राप्ति होती है। शंख से वास्तुदोष भी मिटाया जा सकता है। शंख को किसी भी दिन लाकर पूजा स्थान पर पवित्र करके रख लें और प्रतिदिन शुभ मुहूर्त में इसकी धूप-दीप से पूजा की जाए तो घर में
वास्तुदोष का प्रभाव कम हो जाता है। शंख में गाय का दूध रखकर इसका छिड़काव घर में किया जाए तो इससे भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
श्रेष्ठ शंख के लक्षण-
क्षीरसागर में शयन करने वाले जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु के एक हाथ में शंख अत्यधिक पावन माना जाता है। इसका प्रयोग धार्मिक अनुष्ठानों में विशेष रूप से किया जाता है।
शंखस्तुविमल: श्रेष्ठश्चन्द्रकांतिसमप्रभ:
अशुद्धोगुणदोषैवशुद्धस्तु सुगुणप्रद:
भावार्थ- निर्मल व चन्द्रमा की कांति के समान वाला शंख श्रेष्ठ होता है जबकि अशुद्ध अर्थात मग्न शंख गुणदायक नहीं होता। गुणों वाला शंख ही प्रयोग में लाना चाहिए।
शंख पूजन का मंत्र
त्वं पुरा सागरोत्पन्नो विष्णुना विधृत: करे।
निर्मित: सर्वदेवैश्च पांचजन्य नमोस्तुते।।
[…] ऐसे वास्तुदोष को मिटाता है शंख […]