यदि आप जीवन से निराश हैं और आपके प्रयास निष्फल हो रहे हैं तो हम आपको आज ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिनके प्रभाव से आपको मनोकूल फल की प्राप्ति होगी। भगवती की कृपा की प्राप्ति होगी।
जीवन की बाधाएं दूर होंगी। इस क्रम में आज हम भगवती की कृपा से धन-वैभव प्राप्ति के अचूक उपाय आपको बताने जा रहे हैं, ग्रह दशाओं को अनुकूल करने के उपाय भी बताने जा रहे हैं, साथ ही दुर्घटना से बचाव का शक्तिशाली उपाय भी आपको बताने जा रहे हैं।
बस उपायों को करते समय साधक को पूर्ण भक्ति भावना और दृढ़ संकल्प का भाव होना आवश्यक है। मन में किसी भी प्रकार का संशय साधना में बाधक होगा और आपको मनोकूल फल की प्राप्ति नहीं होगी। साधक को चाहिए कि वह मन, वचन व कर्म में सात्विकता को धारण करें और देवी की साधना में लीन हो, इससे भगवती की कृपा निश्चित रूप से प्राप्त होती है।
धन वृद्घि प्रयोग
तीन मोती शंख, 4 गोमती चक्र, 3 हकीक पत्थर एवम एक तांबे के सिक्के को विधिवत पूजन करके स्थापित करके मंत्र पाठ करें-
नमो देवि भगवते त्रिलोचनं त्रिपुरं देवि। अंजलीम में कल्याणं कुरु कुरु स्वाहा।।
निरंतर नवरात्र में नौ दिन तक पाठ करें तत्पश्चात दशमी के दिन समस्त वस्तुएं लाल रंग के वस्त्र में बांधकर संदूक में रख दें।
दुर्घटना रक्षक प्रयोग
दुर्घटना नाशक यंत्र का नवरात्र में धूप, दीप अक्षत (चावल) पुष्प आदि से पूजन करें। पूजन के समय सियार सिंगी स्थापित करें।
पूजन समाप्त होने पर सियार सिंगी सदैव अपने पास रखें या काले धागे में पिरोकर गले या दाहिनी भुजा में धारण करें।
ग्रह दोष निवारण के लिए
ग्रहों की चाल पर मानव जीवन निर्भर हैं। ग्रह शुभ स्थिति में शुभ फल, अशुभ स्थिति में हो तो अशुभ फल प्राप्त होता हैं। ग्रहों की शान्ति के लिए नवरात्र में स्थापना के दिन एक थाली में केशर से स्वास्तिक बनाकर उसके चारों ओर एक रुपए आठ सिक्के रखें और सिक्कों पर कुमकुम की बिंदी लगायें तथा नीचे लिखे मंत्र का नौ दिनों तक पाठ करें।
ऊँ ब्रह्मामुरारी त्रिपुरान्तकारी भानु: राशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनि राहु केतव: सर्वेग्रहा: शान्ति करा: भवन्तु।।