फर्जी खबरों को लोकतंत्र के लिए खतरनाक,फ़ैक्ट चेक की जांच करने को लेकर एक तंत्र विकसित किया: प्रकाश जावड़ेकर

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नयी दिल्ली। सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गलत उद्देश्य से फैलायी जा रही फर्जी खबरों को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए कहा है कि कोरोना के खिलाफ अभियान में सरकार की सफलता को नकारने के लिए एक ख़ास वर्ग द्वारा फ़र्ज़ी ख़बरें फैलायी जा रही हैं। इस प्रकार की खबरें लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक हैं। इनकी सच्चाई को उजागर करने के लिए फ़ेक न्यूज़ के बारे में जो रिपोर्ट तैयार हुई है, वह बेहद सराहनीय है। मंत्रालय इसके सभी पहलुओं का अध्ययन करेगा। इस संबंध में सरकार कड़े कानूनी उपाय करने पर विचार कर रही है।

श्री जावड़ेकर ने शनिवार को यहां नारद जयंती के अवसर पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के एक वेबिनार में संगठन द्वारा फेक न्यूज पर तैयार की गई एक रिपोर्ट को जारी करते हुए ये विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हाल ही में उनके मंत्रालय के अधीन पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने भी फ़ैक्ट चेक यानी तथ्य परकता की जांच करने को लेकर एक तंत्र विकसित किया है। इसकी मदद से फ़र्ज़ी और ग़लत ख़बरों की पहचान कर सच्चाई को सोशल मीडिया पर उजागर किया जा रहा है। सरकार ने मौजूदा क़ानून को भी सख़्त बनाने की पहल तेज़ कर दी है।

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श्री जावड़ेकर ने कहा कि हाल ही में वक़ील प्रशांत भूषण ने अहमदाबाद के एक अस्पताल में हिंदू और मुस्लिम मरीज़ों की अलग पहचान करने तथा एक महिला के साथ अन्याय को लेकर दो ट्वीट किए थे । जाँच में दोनो ट्वीट के तथ्य ग़लत पाए गए, लेकिन श्री भूषण ने ना तो माफ़ी माँगी, ना ट्वीट हटाया । इन सब स्थितियों से निपटने के लिए सरकार गम्भीर उपाय कर रही है ।

पत्रकारों के प्रमुख संगठन नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स इंडिया (एनयूजे-आई) ने कोरोना संक्रमण के इस कालखंड में फर्जी खबरों के जरिए मानवता, समाज ओर राष्ट्र की संप्रभुता के साथ किए जा रहे खिलवाड़ पर गहरी चिन्ता प्रकट की है। देश में फर्जी और भ्रामक खबरों के संबंध में एनयूजे-आई ने एक रिपोर्ट जारी कर इस बात का खुलासा किया है कि देश में बिना किसी पंजीकरण के हजारों की संख्या में वेबसाइट फर्जी खबरों के जरिए समाज और राष्ट्र विरोधी वातावरण बनाने में लगी हैं। विभिन्न राज्यों में किए गए सर्वे में यह तथ्य उभर कर सामने आया कि कोरोना के नाम पर भारत में ढाई हजार से ज्यादा डोमेन रजिस्टर किए चा चुके हैं। यह काम ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने में व्यस्त है। इसी समय साइबर स्पेस में जबरदस्त घुसपैठ की जा रही है। इतना ही नहीं एनयूजे-आई की इस रिपोर्ट में कश्मीर में कैसे फर्जी खबरों के जरिए भारत की छवि को सीमा के उस पार और इस पार से खराब करने का काम किया जा रहा है तथा कैसे ई पत्रकारिता की आड में आतंकवाद को पाला पोसा जा रहा है इसका खुलासा भी किया गया है।

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