लखनऊ। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने सरकार द्वारा न्यायालय के हस्तक्षेप के उपरान्त श्रमिक कानून में 12 घन्टे कार्य की बजाए आठ घन्टे कार्य का जो संशोधन किया है उसका स्वागत करते हुए सरकार से राज्य कर्मचारियों के छह भत्ते समाप्ति के निर्णय पर पुर्न विचार की मांग की है।
सुरेश सिंह यादव ने 8 घंटे के बजाय 12 घंटे ड्यूटी का अध्यादेश उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाया गया था इसमें अन्य नियम भी बदले गए थे जिसको सरकार ने माननीय न्यायालय के आदेश से उन रद्द करना पड़ा।उन्होनंे कहा कि महासंघ ने पूर्व में पुरजोर तरीके से इसका विरोध किया था सभी समाचार पत्रों में पुरजोर तरीके से प्रकाशित हुआ था। श्री सिंह ने इस आदेश को रद्द होने पर सभी मीडिया कर्मी को धन्यवाद दिया। उन्होंने सरकार से अपील की कि इसी तरह के से 6 भत्ते समाप्त कर भी सरकार ने छोटे कर्मचारी पुलिसकर्मी चैकीदार सफाई कर्मी नर्सेज जैसे रात दिन महामारी में ड्यूटी ईमानदारी से निभा रहे कर्मचारियों को नाराज किया है। सरकार को उक्त निर्णय पर पुर्न विचार करते हुए उक्त सभी कार्मिकों का 50-50 लाख बीमा किये जाने की मांग की है। उन्होंने यह भी मांग की कि आज देश की सच्ची मीडिया अपना जान जोखिम में डालकर इस आपदा में जनता से जुड़ी समस्याएं सरकार को पहुंचाने का काम कर रही है सरकार की तरफ से उन सभी मीडिया कर्मी का 50-50 लाख का बीमा निर्धारित किया जाना चाहिए। ऐसे संवैधानिक नीतिगत मामले में सरकार को हर रात में कोई भी निर्णय लेने से पहले कमेटी या कर्मचारियों या संगठनों से विचार-विमर्श भी किया जाना चाहिए उसके उपरांत ही सरकार को निर्णय लेना चाहिए। आज मजदूर कानून नियम संशोधन किए जाने से सरकार की एक तरफ शुरू से ही किरकिरी हो रही जो आज माननीय न्यायालय का निर्णय आया और सरकार को इस निर्णय को रद्द करना पड़ा जो यह सही कदम है।