आलूबुखारा ( PRUNE ) खाने के लाभ
आलूबुखारा ही नहीं, बल्कि सूखा आलूबुखारा के फायदे भी अनेक हैं। इन दोनों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर से लड़ने में सहायक हैं ।
आलूबुखारा का अर्क ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम करता है । वहीं, एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, सूखे प्लम में मौजूद फाइबर और पॉलीफेनोल्स पेट के कैंसर के जोखिम कारकों को कम करने में सहायक साबित हो सकते हैं।
हड्डी के पुनर्निर्माण में मदद
सूखा आलूबुखारा यानी प्रून्स में पॉलीफेनोल यौगिक शामिल हैं, जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करते हैं। यह सूजन को कम करने और हड्डी के पुनर्निर्माण में मदद करते हैं। आलूबुखारा पोटेशियम से भी भरपूर होता है जो हड्डियों के लिए अच्छा होता है। इस प्रकार, प्रून ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित महिलाओं में हड्डियों की कमजोरी में राहत दिल सकता है।आलूबुखारा उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) को नियंत्रित कर सकता है, जिससे ह्रदय की सुरक्षा होती है। एक अध्ययन के मुताबिक, जिन लोगों ने सूखा आलूबुखारा (Prunes) और इसके जूस का सेवन किया, उनमें रक्तचाप का स्तर कम पाया गया। यह अध्ययन बताता है कि आलूबुखारा का सेवन ह्रदय संबंधी बीमारियों से बचाव में सहायक साबित हो सकता है । दरअसल, ब्लड प्रेशर ज्यादा होने से रक्त वाहिकाओं में दवाब पड़ता है, जिससे ह्रदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है।
इसके अलावा, सूखा आलूबुखारा यानी प्रून्स का सेवन एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) से बचाव में सहायक हो सकता है । एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आर्टरी वाल्स में फैट, कोलेस्ट्रॉल और प्लाक जमने लगते हैं। ये आपके रक्त प्रवाह को प्रभावित कर ब्लड क्लॉट यानी खून के थक्कों और ह्रदय से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।
प्यास – आलूबुखारे को मुँह में रखने से प्यास कम होती है। गला सूखना ठीक होता है।
दस्त – यह मलरोधक है लेकिन कब्ज़ नहीं करता। कब्ज दूर करता है, यकृत को ताकत देता है। पीलिया ठीक करता है। आलूबुखारा रुचिकारक, बवासीर, ज्वर, वायु को दूर करता है।
विटामिन-ए प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण
आलूबुखारा फल में मौजूद विटामिन-ए प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही इसमें मिलने वाला विटामिन-सी शरीर में मौजूद टिश्यू को रिपेयर करने और इनके विकास में सहायक होते हैं । वहीं, आलूबुखारा को लेकर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, प्लम में प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुण हो सकते हैं। आहार में प्लम को शामिल करने के बाद बीमारी से लड़ने की क्षमता में बढ़ोत्तरी पाई गई