‘ब्रह्मास्त्र ‘एक ऐसी फिल्म रही, जिसे सफल कराने के लिए बालीवुडियो ने पूरी ताकत झोक दी, लेकिन फिर फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र‘ 300 करोड़ की कमाई कर सकी है। फिल्म की दुर्दशा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र ‘ लागत भी नहीं निकाल सकी है। पूरी तरह से फ्लॉप है ये फिल्म!
‘ब्रह्मास्त्र‘ ने अपनी रिलीज के दूसरे शनिवार को 15.38 करोड़ का कलेक्शन किया है। फिल्म ने रविवार को लगभग 16.30 करोड़ का कलेक्शन किया है। इस तरह इसने 10 दिन में 215.50 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। ट्रेड आंकड़ों के अनुसार फिल्म का वल्र्डवाइड कलेक्शन लगभग 350 करोड़ पहुंच गया है। मेगा बजट फिल्म की असली लागत 410 करोड़ रुपए है। लेकिन ये सिर्फ फिल्म की शूटिंग में लगा बजट है। इस फिल्म के प्रमोशन बजट को भी जोड़ें तो इसकी कुल लागत 600 करोड़ के आसपास बताई जा रही है। ऐसे में अपने पहले हफ्ते में 300 करोड़ की ग्रॉस कमाई कर के भी ये फिल्म अभी तक अपनी लागत भी वापस नहीं निकाल पाई है। यानी ये आंकड़े भले ही आपको काफी बड़े लग रहे हों, लेकिन असली बात ये है कि प्रोड्यूसर करण जौहर की जेब में अभी तक कमाई भी तो छोडि़ए, फिल्म में लगाया पैसा भी वापस नहीं आया है। इस फिल्म के ज्यादातर कलेक्शन के आंकड़े ग्रॉस में बताए जा रहे हैं। जबकि बॉलीवुड फिल्मों के कलेक्शन हमेशा नेट इनकम बताए जाते हैं। इसे ऐसे समझें, ग्रॉस कलेक्शन बॉक्स ऑफिस पर किसी फिल्म की पूरी कमाई को दर्शता है। ये वो कमाई है, जो किसी फिल्म की टिकट बेचने से कुल कमाई जाती है।
वहीं दूसरी तरफ नेट कलेक्शन का मतलब होता है वह कमाई जो पूरी कमाई से टैक्स हटाने के बाद यानी मनोरंजन टैक्स, सर्विस टैक्स आदि हटाने के बाद आंकी जाती है। नेट कमाई, ग्रॉस से हमेशा कम होती है।
इसमें पेच ये है कि अलग-अलग राज्य में फिल्म के रिलीज होने पर टैक्स की दर अलग-अलग होने की वजह से उनकी नेट कमाई में अंतर होता है. नेट और ग्रॉस कलेक्शन के अलावा, बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के आंकड़ों में एक और चीज होती है और वह है ‘डिस्ट्रीब्यूटर्स शेयर.’ यानी डिस्ट्रीब्यूटरों का हिस्सा।
ये सिनेमाघरों के रेंटल चार्ज नेट कलेक्शन से हटाने के बाद तय होता है।
बॉलीवुड में फिल्मों का अक्सर ‘नेट कलेक्शन’ ही बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के तौर पर दिखाया जाता है। जबकि साउथ फिल्म इंडस्ट्री में फिल्मों का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन ग्रॉस कलेक्शन दिखाया जाता है।