अग्नि महापुराण में दर्शाये अशुभ सपने, शान्ति उपाय

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सपने क्यों आते हैं, इस बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, साथ ही यह भी बताएंगे कि बुरे सपने किसे कहा जाए। अगर बुरे सपने आ जाए तो क्या करना चाहिए। इस बुरे सपने के कुप्रभाव को नष्ट करने के लिए क्या करें? इसकी शांति कैसे हो सकती है। अग्नि महापुराण में इस बारे में विस्तार से बताया गया है, लेकिन हम यहां संक्ष्ोप से आपको बताने जा रहे है।

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यह आपके लिए अति उपयोगी सिद्ध होगा, इस आशा के साथ इस लेख को प्रस्तुत कर रहे हैं। अशुभ और शुभ सपने एक रात में ही दोनों प्रकार के दिखाई पड़े तो उनमें जिसके पीछे दर्शन होता है, उसी का फल समझना चाहिए। अत: शुभ सपने देखने के पश्चात् फिर सोना अच्छा नहीं माना गया है। प्रत्येक मनुष्य के हृदय गुहा में शक्ति का निवास रहता है। वह शक्ति कार्य होने से पूर्व अशुभ और शुभ कार्यों का आभास कराती है, जिसके द्वारा मनुष्य कार्य होने से पूर्व सूचना प्राप्त कर आगे वाले कार्यों का उत्तम प्रवन्ध कर सके। अशुभ कार्य के होने से आभास ( सूचना ) सपने द्वारा प्राप्त होने पर उनकी शान्ति हेतु देवी – देवताओं की आराधना करना भी बतलाया गया है । इसका वर्णन अनेक ग्रन्थों में विशद रूप से मिलता है , यहां संक्षेप में ही दर्शाया जा रहा है।

जानिए, अशुभ सपने

तेल पीना, खिचड़ी खाना, माता के गर्भ में प्रवेश करना, चिता पर चढ़ना, इन्द्र के उपलक्ष में खड़ी हुई ध्वजा का टूट पड़ना, सूर्य और चन्द्रमा का गिरना, दिव्य अन्तरिक्ष और भूलोक में होने वाले उत्पातों का दिखाई देना, देवता , ब्राह्मण , राजा और गुरुओं का कोप होना, नाचना, हँसना, व्याह करना, गीत – गाना करते देखना, वीणा के अतिरिक्त अन्य प्रकार के बाजों का स्वयं बजाना, नदी में डूबकर नीचे जाना, गोबर, कीचड़ तथा स्याही मिलाये हुए जल से स्नान करना, कुंवारी कन्याओं का आलिंगन, पुरुषों का एक – दूसरे के साथ मैथुन, अपने अंगों की हानि, नाभि के सिवा शरीर के अन्य अंगों में तृण वृक्षों का उगना, कांसे के बर्तनों का मस्तक पर रखकर फोड़ा जाना, माथा मंडाना, नग्न होना, मैले कपडे पहनना, तेल लगाना, कीचड़ लपेटना, ऊंचे से गिरना, विवाह होना, गीत गाना, वीणा आदि के गाने सुनकर मन बहलाना, हिंडोले पर चढ़ना, कमल और लोहे को प्राप्त करना, सांपों को मारना, लाल फूलों से भरे हुए वृक्षों तथा चाण्डाल को देखना, सुअर, कुत्ते, गधे और ऊंटों पर चढ़ना, चिड़ियों के मांस का भक्षण करना, वमन और विरेचन करना दक्षिण दिशा की ओर जाना, रोग से पीड़ित होना, फलों की हानि, धातुओं का भेदन, घरों का गिरना, घरों में झाडू देना, पिशाचों, राक्षसों, वानरों तथा चाण्डाल आदि के साथ खेलना, गेरुआ वस्त्र धारण करना , गेरुआ वस्त्रों से खेलना, तेल से नहाना , लाल फूलों की माला पहनना, लाल ही चन्दन लगाना – यह सभी बुरे स्वप्न है।

बुरे सपने आने पर शान्ति उपाय

बुरे सपने दिखाई दे जायें तो फिर एक बार सोकर नींद ( निद्रा ) ले लेनी चाहिए । इस प्रकार बुरे स्वप्न दिखाई देने पर उसकी शान्ति के लिए स्नान करें ; विद्वान ब्राह्मण पडित से स्वप्न वार्ता बतलाकर शान्ति देवाराधना कराये या स्वयं माता – पिता , पूज्य गुरु , ब्राह्मण – पंडित का पूजन करें , तिलों का हवन करें, ब्रह्मा, विष्णु, शिव शक्ति और सूर्य तथा इनके गणों की पूजा करें, इनका स्तुति पाठ करें और पुरुषसूक्त विष्णु सहस्र नाम आदि का पाठ करें। ऐसा करने से बरे स्वप्नों का प्रभाव दूर होता है। रात के पहले पहर के देखे हए स्वप्न एक वर्ष तक फल देने वाले होते है, दूसरे पहर से स्वप्न देखे हए छः महीने में, तीसरे पहर के स्वप्न तीन महीने में, चौथे पहर के पन्द्रह दिनों में और अरुणोदय के वेला ( समय ) देखे हुए सपने दस ही दिन में अपना फल प्रकट करते हैं।

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