योगी के आगे राजनैतिक रूप से बौंने हुए अखिलेश

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पिछले आठ वर्ष में यूपी की योगी सरकार ने वो कर दिखाया, जिसने विपक्षी दलों की सियासी दलों की राजनीतिक जमीन को खिसका दिया है। सपा सुप्रीमो के बयान जो इन दिनों आ रहे हैं, उससे जनता  के बीच उनसे एक साफ संदेश जा रहा है कि वह सिर्फ बोलने के लिए बोल  रहे है और खिसियाये हुए हैं, अब न उनके पास न कोई मुद्दा है और न ही कोई राजनीतिक समझ। योगी के राजनैतिक रूप से बौंने हो  गए है।

योगी के आठ साल के कार्यकाल ने यह  साबित कर दिया है कि उनके पास विकास का विजन है, जबकि पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार सिर्फ झूठ, फरेब और तुष्टीकरण की सियासी जमीन पर राजनीति कर रही थी। जबकि योगी विजन पर काम कर रहे है। सियासी आकलन किया जाए तो योगी का राजनीतिक कद अगर राष्ट्रीय फलक पर है तो अखिलेश खाक मे मिल गए है, क्योंकि वह अपने शासनकाल में तुष्टीकरण के अलावा कोई विजन नहीं प्रस्तुत कर सके, जबकि योगी ने अपने विजन के जरिए यूपी वैश्विक पटल पर प्रस्तुत कर दिया है, महाकुम्भ इससे उत्तम उदाहरण दूसरा क्या होगा।

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इन आठ वर्षों में योगी आदित्यनाथ ने यूपी के विकास के लिए स्पष्ट दिशा और दूरदर्शी विजन प्रस्तुत किया है, जिससे राज्य में नयी ऊर्जा का संचार हुआ है। उनकी नीतियों ने न केवल बुनियादी ढांचे, उद्योग, कृषि और पर्यटन के क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं, बल्कि विरोधी दलों को भी उनके फैसलों की प्रभावशीलता पर सोचने पर मजबूर कर दिया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए व्यापक सुधार और नीतिगत बदलाव किए हैं। उनकी सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास, औद्योगिक निवेश, कृषि सुधार, रोजगार सृजन और पर्यटन को बढ़ावा देकर यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है।

योगी के  राज में  न केवल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संजोया गया है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। योगी सरकार ने विभिन्न तीर्थ स्थलों के पुनरुद्धार और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। इसके चलते धार्मिक पर्यटन को एक नया रूप मिला है और श्रद्धालुओं की संख्या में ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

योगी सरकार ने धार्मिक पर्यटन को एक नई दिशा दी है, जिससे उत्तर प्रदेश न केवल भारत का बल्कि दुनिया का एक प्रमुख आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बनता जा रहा है। इस नीति से न केवल संस्कृति और परंपरा को संजोया गया है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बल मिला है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आधुनिकता और सांस्कृतिक विरासत को साथ लेकर विकास और राजनीति का एक अनूठा संगम तैयार किया है। उनके नेतृत्व में राज्य में बड़े बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, धार्मिक स्थलों के पुनरोद्धार और निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

आधुनिकता और विरासत का संतुलन

योगी सरकार ने जहां एक ओर हाईवे, एयरपोर्ट, मेट्रो और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसी आधुनिक परियोजनाओं को गति दी है, वहीं दूसरी ओर अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार कर सांस्कृतिक पहचान को भी संजोया है।

विकास की नई ऊँचाइयाँ

  • बुनियादी ढांचा: पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं उत्तर प्रदेश को कनेक्टिविटी के मामले में नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं।

  • उद्योग और निवेश: डिफेंस कॉरिडोर, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, और नई औद्योगिक नीति से यूपी को निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बनाया गया है।

  • कानून-व्यवस्था: संगठित अपराध और माफिया पर सख्त कार्रवाई कर निवेशकों और आम जनता के लिए सुरक्षित माहौल तैयार किया गया है।

मुख्य पहलें और उपलब्धियां

  • ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के जरिए ₹35 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले, जिससे लाखों रोजगार सृजित होंगे।

  • डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से उत्तर प्रदेश रक्षा उत्पादन का प्रमुख केंद्र बन रहा है।

  • नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे को स्टार्टअप और आईटी हब के रूप में विकसित किया गया।

  • वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के तहत पारंपरिक उद्योगों को नई पहचान और बाजार उपलब्ध कराया गया।

  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे जैसी हाईवे परियोजनाओं से राज्य में तेज यातायात सुविधा उपलब्ध हुई।

  • जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अन्य हवाईअड्डों के विकास से व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिला।

  • उत्तर प्रदेश को लॉजिस्टिक्स हब बनाने की योजना के तहत नए वेयरहाउस और ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं।

  • किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और कर्ज माफी जैसी योजनाओं से कृषि क्षेत्र को मजबूती मिली।

  • सिंचाई सुविधाओं और कृषि आधारित उद्योगों में सुधार किया गया।

  • कृषि उत्पादों के निर्यात में वृद्धि, जिससे किसानों की आय बढ़ी।

  • अयोध्या, काशी, मथुरा और नैमिषारण्य जैसे धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार कर राज्य को धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाया गया।

  • होटल, ट्रांसपोर्ट और स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिला, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिला।

  • संगठित अपराध और माफिया पर सख्ती से कार्रवाई, जिससे व्यापार और निवेशकों का भरोसा बढ़ा।

  • उत्तर प्रदेश को “Ease of Doing Business” में शीर्ष राज्यों में लाने के लिए व्यापक सुधार किए गए।

  • बुनियादी ढांचा विकास:
    • पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं ने राज्य की कनेक्टिविटी में सुधार किया है।

    • जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट सहित अन्य हवाई अड्डों के विकास से व्यापार और पर्यटन को नई दिशा मिली है।

  • उद्योग और निवेश:

    • ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त निवेश प्रस्तावों ने लाखों रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।

    • डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और ODOP जैसी योजनाओं ने पारंपरिक उद्योगों को नई पहचान दी है।

  • कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था:

    • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तथा कर्ज माफी जैसे कदमों से किसानों को राहत मिली है और कृषि उत्पादों के निर्यात में वृद्धि हुई है।

  • धार्मिक पर्यटन का पुनरुद्धार:

    • अयोध्या, काशी, मथुरा एवं नैमिषारण्य जैसे तीर्थ स्थलों के विकास से राज्य को एक वैश्विक धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है।

    • ये परियोजनाएँ न केवल सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करती हैं, बल्कि स्थानीय व्यवसायों और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ाती हैं।

      • श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भव्य निर्माण, जिससे अयोध्या को विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

      • भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम, जिसने अयोध्या को वैश्विक पहचान दिलाई।

        • अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भव्य निर्माण कराया है, जिससे दुनिया भर का ध्यान अयोध्या की ओर केंद्रित हुआ है, इससे विपक्ष भी हैरान है, या यूं कहें कि अब उसे समझ नहीं आ रहा है कि किस मुद्दे को लेकर वे अब जनता के बीच जाए और अपनी सियासी जमीन बचा सकें।

          नए अयोध्या रेलवे स्टेशन और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।आदित्यनाथ ने अपनी राजनीति और विकास योजनाओं को सांस्कृतिक विरासत से जोड़ते हुए एक ऐसी नीति अपनाई है जो धार्मिक भावनाओं का सम्मान भी करती है और राज्य को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाती है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश आज देश के सबसे तेजी से विकसित होते राज्यों में से एक बन चुका है।

      • काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण, जिससे मंदिर परिसर का कायाकल्प हुआ और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ीं।

      • घाटों के सुंदरीकरण और गंगा आरती को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई गई।

    •  मथुरा-वृंदावन – कृष्ण भक्ति का विस्तार

      • श्रीकृष्ण जन्मभूमि और गोवर्धन पर्वत क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास।

      • यमुना किनारे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सफाई और सुंदरीकरण परियोजनाएँ।

       नैमिषारण्य और विंध्याचल जैसे अन्य तीर्थों का विकास

      • नैमिषारण्य धाम के पुनरुद्धार और सुंदरीकरण के लिए विशेष योजनाएँ चलाई जा रही हैं।

      • विंध्यवासिनी धाम कॉरिडोर परियोजना के तहत यात्री सुविधाओं का विस्तार।

      धार्मिक पर्यटन से आर्थिक उन्नति

      • तीर्थ स्थलों पर होटल, रेस्तरां और स्थानीय व्यवसायों में वृद्धि, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े।

      • विदेशी पर्यटकों की बढ़ती संख्या से राजस्व में वृद्धि।

      • बेहतर बुनियादी ढांचे से श्रद्धालुओं की यात्रा अधिक सुगम हुई।

विरोधी दलों की प्रतिक्रिया:

योगी आदित्यनाथ के ये फैसले और नीतियाँ विरोधी दलों के लिए भी चकित करने वाले हैं।

  • उनके फैसलों से यह स्पष्ट हो गया है कि विकास के क्षेत्र में पारंपरिक और आधुनिक तत्वों का संतुलन कैसे कायम किया जा सकता है।

  • विपक्ष ने भी इन नीतियों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाये हैं, लेकिन इनके परिणामस्वरूप राज्य में विकास की नई गति देखने को मिली है।

निष्कर्ष:

मुख्यमंत्री योगी का स्पष्ट विजन और निर्णायक नीतियाँ यूपी के विकास को नई दिशा प्रदान कर रही हैं। विकास, निवेश, कृषि सुधार, और धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में उठाये गए कदम न केवल राज्य की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी उनके विरोधियों को हैरान कर रहे हैं। यह दिखाता है कि एक स्पष्ट और दूरदर्शी नेतृत्व कैसे प्रदेश के हर क्षेत्र में प्रगति सुनिश्चित कर सकता है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को “बीमारू राज्य” की छवि से निकालकर भारत की “ग्रोथ इंजन” बनने की दिशा में आगे बढ़ाया है। निवेश, बुनियादी ढांचे, कृषि और पर्यटन के व्यापक विकास से यूपी देश की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है।

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