पुण्यकारी है अमरनाथ यात्रा

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अमरनाथ यात्रा एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थयात्रा है जो हर साल जम्मू और कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा तक जाती है। यह गुफा भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ पर प्राकृतिक रूप से बनने वाला बर्फ का शिवलिंग (जिसे ‘अमरनाथ शिवलिंग’ कहते हैं) दर्शन के लिए प्रमुख आकर्षण होता है।अमरनाथ की गुफा में बनने वाले प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। इन्हें बाबा बर्फानी  और अमरेश्वर नाम से भी जाना जाता है। हर साल लोग हिमालय में स्थित पवित्र गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए कठिन तीर्थयात्रा करते हैं। अमरनाथ की गुफा समुद्र तल से लगभग 3,978 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए यह यात्रा काफी कठिन होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं अमरनाथ यात्रा का इतना महत्व क्यों माना गया है।

क्यों खास है यह गुफा

पौराणिक कथा के अनुसार, इसी पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी, जिसे वहां मौजूद एक कबूतर के जोड़े ने सुन लिया था। कहा जाता है कि वह कबूतर का जोड़ा आज भी गुफा में स्थित है, जो अमर पक्षी के नाम से प्रसिद्ध हैं। यह माना जाता है कि जो भक्त श्रद्धा पूर्वक अमरनाथ की यात्रा व बाबा बर्फानी के दर्शन करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसके लिए मोक्ष के द्वार खुलते हैं।
जब माता पार्वती को अमर कथा सुनाने के लिए भगवान शिव एक एकांत जगह की तलाश कर रहे थे, तो उन्होंने अमरनाथ की गुफा में पहुंचने से पहले नंदी, सर्प, चंद्रमा और जटाओं में विराजमान गंगा का त्याग किया था। सबसे पहले शिव जी ने पहलगांव में नंदी का त्याग किया। इसके बाद जिस स्थान पर महादेव ने चंद्रमा का त्याग किया, उसे आज चंदनवाड़ी के नाम से जाना जाता है। आगे बढ़ने के बाद भगवान शिव ने अपने गले में विराजमान सर्प का त्याग किया, जिस कारण उन स्थान का नाम शेषनाग पड़ा। आखिर में भगवान भोलेनाथ ने जहां अपनी जटाओं से मां गंगा का त्याग किया, उस स्थान को पंचतरणी के नाम से जाना गया।

अमरनाथ यात्रा का महत्व

कई पुराणों जैसे बृंगेश संहिता, नीलमत पुराण आदि में अमरनाथ यात्रा के महत्व का वर्णन मिलता है। शास्त्रों व पुराणों के अनुसार, अमरनाथ यात्रा से साधक को 23 तीर्थों के दर्शन करने जितना पुण्य प्राप्त होता है।

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वहीं बाबा अमरनाथ के दर्शन से काशी में दर्शन का दस गुना, प्रयाग से सौ गुना और नैमिषारण्य से हजार गुना अधिक पुण्य मिलता है। इसके महत्व को देखते हुए यह कहा जाता है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में एक बार अमरनाथ यात्रा जरूर करनी चाहिए।

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