स्वप्न हमे भविष्य का संकेत देते है। भविष्य को लेकर सतर्क करते हैं। आचरण में सुधार के लिए प्रेरित करते हैं। इस क्रम में अशुभ स्वप्न हमे कभी-कभी दिखते हैं, जरूरत हैॅ, उन अशुभ स्वप्नों के दोष के निवारण की।
हम आपको अशुभ स्वप्न के दोष के निवारण के शक्तिशाली मंत्र बताने जा रहे हैं, जिसका उपयोग करके आप अशुभ स्वप्न के दुष्प्रभाव को समाप्त या कम कर सकते हैं।
मंत्र-
ऊॅँ नम: शिवं दुर्गां गणपतिं कार्तिकेयं दिनेश्वरम्।
धर्म गंगां च तुलसीं राधां लक्ष्मीं सरस्वतीम्।।
नामान्येतानि भद्राणि जले स्नात्वा च यो जपेत।
वांछितं च लभेत सोअपि दु:स्वप्न: शुभवान् भवेत।।
विधि- प्रात: उठें। स्नान-ध्यान आदि करके पूजन-अर्चन करें। फिर इस मंत्र को ग्यारह बार पढ़े तो कठिन से कठिन दु:स्वप्न भी शुभता प्रदान करता है।
इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि पूर्ण आस्था के भाव के साथ इस मंत्र का जप किया जाए। यदि पूर्ण श्रद्धा से मंत्र जप अराध्य देव के सम्मुख किया जाए तो शुभता निश्चित रूप से प्राप्त होती है। संशय रखकर करने से पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती है।
जप संख्या कितनी है। कितने समय में करना चाहिए।
प्रात: उठें। स्नान-ध्यान आदि करके पूजन-अर्चन करें। फिर इस मंत्र को ग्यारह बार पढ़े तो कठिन से कठिन दु:स्वप्न भी शुभता प्रदान करता है।
भृगु जी मुझे बचपन से ही स्वपन दोष है। अब मेरे उम्र 24 साल है । मैने वो दवाई भी लेली हैं जिनकी एक चम्मच लेने से आदमी नपुंसक हो जाता है।परंतु मुझे कोई भी फल प्राप्त नहीं हुआ।पिछले 6,7 सालो से मुझे एक हफ्ते में 3 बार स्वपन दोष हो जाता है। इसका इलाज हो सके तो मेरे मदद कीजिए। में बहुत ही गरीब भी हूं।