बाल गिरना , पकना व सिर में फुंसियाँ का आयुर्वैदिक उपचार
सिर में फुंसियाँ, खुजली, त्वचा सूखी और कठोर हो तो बालों में दही लगाकर दस मिनट बाद सिर धोयें। बाल सूख जाने पर समान मात्रा में नीबू का रस और सरसों का तेल मिलाकर लगायें। यह प्रयोग लम्बे समय तक करें।
जुएँ– समान मात्रा में नीबू का रस और अदरक का रस मिलाकर बालों की जड़ों में लगाने से जुएँ मर जाती हैं। यह लगाकर एक घण्टे बाद सिर धोयें। सिर धोने के बाद नीबू का रस और सरसों का तेल समान मात्रा में मिलाकर नित्य बालों में लगायें।
बाल गिरना , पकना— ( 1 ) स्नान से पहले नीबू के रस से सिर की मालिश करने से बालों का पकना, गिरना दूर हो जाता है एवं जुएँ भी नष्ट हो जाती हैं। रात को सोते समय नारियल के तेल में नीबू का रस मिलाकर सिर में मालिश करें।
( 2 ) नीबू के रस में बड के पेड़ की जटा पीसकर थोड़े पानी में घोलकर बालों की जड़ों में लगायें तथा बाल भिगोकर दस मिनट बाद धोयें। बाल गिरना बन्द हो जायेंगे।
नोट- नीबू शरीर के स्वस्थ विकास के लिये बहुत आवश्यक जीवन तत्त्व है। यह विटामिन दूसरे कई विटामिनों के साथ मिलकर शरीर को स्वस्थ रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही त्वचा को स्वस्थ रखने में तथा शरीर को विपरीत परिस्थितियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने में भी विटामिन ‘ सी ‘ बहुत अनिवार्य है। यह विटामिन शरीर में संचित नहीं रहता, इसलिये इसकी पूर्ति के लिये शरीर को प्रतिदिन कुछ मात्रा में विटामिन ‘ सी ‘ अनिवार्य रूप से प्राप्त होना चाहिये वरना शरीर में विभिन्न प्रकार के उपापचय सम्बन्धी रोग उत्पन्न हो जाते हैं तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है।
सावधानी – पैर के जोड़ों में दर्द, गले के टॉन्सिल, पेट में घाव ( Ulcer ) के रोगी को नीबू नहीं देना चाहिए। ऐसे लोग भी सावधानीपूर्वक नीबू के प्रयोग करें जिन्हें नीबू के प्रयोग से चक्कर आते हैं या निम्न रक्तचाप ( Low Blood Pressure ) हो जाता है।