रामभक्त हनुमान जी के अनेकानेक नाम हैं, लेकिन क्या आपको पता है, कि उनका हनुमान नाम क्यों व कैसे पड़ा। आइये जानते है, उनका हनुमान नाम रखे जाने का भेद।
हनुमान जी वायुदेव की उपासना के प्रभाव से केसरी नामक वानर की धर्मपत्नी अंजनी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे, इसलिए हनुमान जी पवन तनय कहलाए। केसरी व अंजनी के पुत्र थे, इसलिए केसरी नंदन और अंजनी सुत कहलाये। हनुमान जी के लौकिक पिता केसरी थे, इसलिए भी केसरी नंदन नाम विख्यात हुआ। चूंकि हनुमान जी रुद्र के अवतार थे, इसलिए शंकर शुवन अर्थात शंकर जी के पुत्र कहलाये।
आइये, अब जानते है कि उनका नाम हनुमान कैसे पड़ा। बाल्यकाल में एक बार हनुमान जी सूर्य को फल समझ कर खाने के लिए आकाश में गये, तब इंद्र देव ने उन पर वज्र से प्रहार किया था। इंद्र देव ने हनुमान के हनु यानी ठोड़ी पर वज्र से प्रहार किया था, जिससे वह मूछित हो गए थे। तब से इनकी हनु टेड़ी हो गई और लोग इन्हें हनुमान नाम से सम्बोधित करने लगे।