देश के बहुत से शहरों में बंदर आम तौर पर देखे जा सकते हैं, यह शहरों में झुंड बनाकर घूमते हैं और परिवार के साथ विचरण करते हैं। शहरों में इससे मिलने वाला शकुन आम तौर पर प्राप्त हो सकता है, बशर्तें हम इसे समझ सकें।
अगर कोई व्यक्ति को शाम के समय कहीं जाना है और उसे दायी ओर बंदर दिख जाए तो यह अत्यन्त शुभ लक्षण समझा जा सकता है। इस शकुन के मिलने का अर्थ यह है कि व्यक्ति को अभिष्ट कार्य की सिद्धि हो जाएगी। अगर घर के बाहर जाते हुए आपको सुबह के समय बायीं ओर दिखाई दे तो यह शुभ शकुन समझा जाता है। इस शकुन का अर्थ है कि व्यक्ति को धन की प्राप्ति होगी। अगर घर से जाते समय बंदर का शब्द सुनाई दे तो जिस कार्य के लिए जा रहा है, वह शीघ्र ही सिद्ध होगा। व्यक्ति को किसी भी तरह की प्रतियोगिता, मुकदमें आदि में विजय का संकेत है।
अगर घर से गमन करते समय बंदर का कोई जोड़ा सहवास का प्रयास करता दिख्ो तो इसे अच्छा शकुन नहीं माना जा सकता है। इस शकुन का अर्थ है कि व्यक्ति को धन हानि होगी। उसके कार्य नहीं सफल होंगे। अगर बंदर की दाहिनी ओर है तो कुछ हद तक लाभप्रद रहता है। अगर बायीं गति है तो इसे अशुभ शकुन के रूप में लिया जाए।
यह भी पढ़ें – अंगों के फड़कने से जानिए, शगुन-अपशगुन
अगर मध्याह्न् काल में बंदर दायी ओर या बायीं ओर भी मिले तो बनते हुए कार्य भी बिगाड़ने वाला होता है। अगर अनेक बंदर एक साथ मिलकर चिल्लायें तो यह अपशकुन ही माना जाए। कुछ विद्बान मानते हैं कि यह किसी जानलेवा हमले की सूचना है। ऐसे में यात्रा टाल देनी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति के चलते समय बंद किसी ऊंची अट्टालिका पर इस तरह से बैठा हो तो व्यक्ति को उसके नीचे से जाना पड़े तो भी यह शकुन अच्छा नहीं कहा जा सकता है, लेकिन ऊंची अट्टालिका पर बैठा हुआ बंदर अगर ठीक सिर के ऊपर नहीं आता हे तो उसके फल में बदलाव होगा।
यदि वह बायीं ओर होता है तो बहुत ही कम लाभ होगा, दायी ओर रहने पर साधारण ही रहता है। आज कल शहरों में बंदर आसानी देखे जाते हैं, इसलिए इनसे सम्बन्धित शकुन भी प्राप्त हो सकते हैं, इसलिए इनसे मिलने वाले शकुन आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें –भगवती दुर्गा की उत्पत्ति की रहस्य कथा और नव दुर्गा के अनुपम स्वरूप
यह भी पढ़ें –पवित्र मन से करना चाहिए दुर्गा शप्तशती का पाठ