बारह राशियों के मंत्र-यंत्र से पाएं सुख-समृद्धि

1
3450

बारह राशियां होती हैं, जो हमारे जीवन को प्रभावित करती है। प्रारब्ध के अनुसार हमारा जन्म होता है और कर्म के अनुसार गुण व दोष प्राप्त होते हैं। अपने प्रारब्ध को बदलना शायद सम्भव न हो, लेकिन वर्तमान को धर्म संगत बनाकर भविष्य को सुखद जरूर बना सकते हैं। सभी को अपनी राशि के अनुसार जप करने से आरोग्यता प्राप्त होता है। जिस राशि में आपका जन्म होता है, वही आपकी राशि होती है।

Advertisment

उसी राशि के अनुसार एक माला यानी 1०8 मनकों वाली माला का जप राशि मंत्र जप करना करना श्रेयस्कर होता है। इससे अरोग्यता और प्रसन्नता प्राप्त होती है। जिसको राशि का ज्ञान नहीं है, वह चाहे तो नाम की राशि के अनुसार मंत्र जप कर सकता है। प्रतिदिन प्रात: मंत्र जप करने से सफलता प्राप्त होती है। कष्टों से मुक्ति मिलती है।

यह भी पढ़ें –जानिये रत्न धारण करने के मंत्र

यंत्र दर्शन करने से अनिष्ट प्रभाव नष्ट हो जाते हैं। यंत्र को भोजपत्र बनाकर कपड़े में लपेट कर पर्स या जेब में सुरक्षित व सम्मान जनक तरीके से रखना चाहिए।

मेष राशि का मंत्र-

ऊॅँ ह्रीं श्रीं लक्ष्मी नारायणाय नम:।

यंत्र को अनार की लकड़ी केेे कलम से अष्टगंघ से भोजपत्र पर लिखकर ताम्बे के ताबीज में धारण करें।

वृष राशि का मंत्र-

ऊॅँ गोपालाय उत्तर ध्वजाय नम:।


यंत्र को अनार की लकड़ी केेे कलम से अष्टगंघ से भोजपत्र पर लिखकर ताम्बे के ताबीज में धारण करें।

मिथुन राशि का मंत्र-

ऊॅँ क्लीं कृष्णाय नम:।


यंत्र को अनार की लकड़ी केेे कलम से अष्टगंघ से भोजपत्र पर लिखकर ताम्बे के ताबीज में धारण करें।

कर्क राशि का मंत्र-

ऊॅँ हिरण्य गर्भाय अव्यक्त रूपिणे नम:।


यंत्र को अनार की लकड़ी केेे कलम से अष्टगंघ से भोजपत्र पर लिखकर ताम्बे के ताबीज में धारण करें।

सिंह राशि का मंत्र-

ऊॅँ क्लीं ब्रह्मणे जगदा धाराय नम:।

यंत्र को अनार की लकड़ी केेे कलम से अष्टगंघ से भोजपत्र पर लिखकर ताम्बे के ताबीज में धारण करें।

कन्या का मंत्र-

ऊॅँ नमो प्रीं पीताम्बराय नम:।


यंत्र को अनार की लकड़ी केेे कलम से अष्टगंघ से भोजपत्र पर लिखकर ताम्बे के ताबीज में धारण करें।

तुला राशि का मंत्र-

ऊॅँ तत्व निरंजनाय तारकरामाय नम:।


यंत्र को अनार की लकड़ी केेे कलम से अष्टगंघ से भोजपत्र पर लिखकर ताम्बे के ताबीज में धारण करें।

वृश्चिक राशि का मंत्र-

ऊॅँ नारायणाय सुरसिंहाय नम:।


यंत्र को अनार की लकड़ी केेे कलम से अष्टगंघ से भोजपत्र पर लिखकर ताम्बे के ताबीज में धारण करें।

धनु राशि का मंत्र-

ऊॅँ श्रीं देवकृष्णाय ऊर्ध्वषंताय नम:। 


यंत्र को अनार की लकड़ी केेे कलम से अष्टगंघ से भोजपत्र पर लिखकर ताम्बे के ताबीज में धारण करें।

मकर राशि का मंत्र-

ऊॅँ श्रीं वत्सलाय नम:।


यंत्र को अनार की लकड़ी केेे कलम से अष्टगंघ से भोजपत्र पर लिखकर ताम्बे के ताबीज में धारण करें।

कुम्भ राशि का मंत्र-

ऊॅँ श्रीं उपेन्द्राय अच्युताय नम:।


यंत्र को अनार की लकड़ी केेे कलम से अष्टगंघ से भोजपत्र पर लिखकर ताम्बे के ताबीज में धारण करें।

मीन राशि का मंत्र-

ऊॅँ क्लीं उद्धृताय उद्धारिणे नम:। 


यंत्र को अनार की लकड़ी केेे कलम से अष्टगंघ से भोजपत्र पर लिखकर ताम्बे के ताबीज में धारण करें।

यह भी पढ़े- इस मंत्र के जप से प्रसन्न होते हैं बृहस्पति देव, जानिए बृहस्पति देव की महिमा

यह भी पढ़े- इस मंत्र से शांत होते हैं नवग्रह

यह भी पढ़े- भगवती दुर्गा के 51 शक्तिपीठ, जो देते हैं भक्ति-मुक्ति, ऐसे पहुचें दर्शन को

यह भी पढ़ें – वैैष्णो देवी दरबार की तीन पिंडियों का रहस्य

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here